वर्ल्ड क्लास सुविधाएँ लेकिन फिर भी आधी सीटे रह रही है खाली, जाने Vande Bharat का ऐसा क्यों हो रहा है हाल
भारतीय रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन के जरिए देश की आम जनता को बदलते हुए भारत की तस्वीर दिखाने की कोशिश की और जैसा की हमारे प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि वंदे भारत ट्रेन, आज के आधुनिक होते हुए भारत की, बहुत ही शानदार तस्वीर है।
ये भारत की स्पीड और स्केल दोनों का प्रतिक है। हम देख सकते हैं कि कितनी तेजी से देश में एक के बाद एक वंदे भारत ट्रेन लॉन्च हो रहा है। राजस्थान में भी एक के बाद एक करके तीन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई थी, हालांकि यहां के लोगों को वंदे भारत ट्रेन कुछ ज्यादा रास नहीं आ रही है। इसके अलावा रांची-हावड़ा वंदे भारत में भी लगातार यात्रियों में कमी देखी जा रही है।
दरअसल वंदे भारत अपनी स्पीड और फैसेलिटीज के लिए तो बहुत मशहूर है और देशभर में काफी तारीफ भी बटोर रही है। लेकिन लोगों को इसकी यात्रा करना कुछ खास पसंद नहीं आ रहा राजस्थान में चल रही डबल डेकर शताब्दी और सुपरफास्ट ट्रेन वंदे भारत की ही स्पीड पर दौड़ती है।
और उनकी तुलना में वंदे भारत ट्रेन का किराया भी 3 गुना से ज्यादा है इसीलिए यात्री वंदे भारत की जगह अन्य ट्रेनों में सफर करना ज्यादा किफायती समझ रहे हैं बता दे की सितंबर महीने में सिर्फ 41% सीटों पर ही यात्रा की गई थी।

आपको बता दे की अहमदाबाद से जोधपुर जाने वाली वंदे भारत ट्रेन में 49.8 प्रतिशत और अजमेर से दिल्ली जाने वाली वंदे भारत में 56.8 प्रतिशत यात्रियों ने ही सफर किया इसके अलावा दिल्ली के और से अजमेर जाने वाली इस ट्रेन में 76.7% और अजमेर से दिल्ली कैंट में 56.80 प्रतिशत यात्रियों ने सफर किया।
इसी तरह से 25 से 30 सितंबर के बीच जयपुर से उदयपुर जाने वाली वंदे भारत में 87% और उदयपुर से जयपुर जाने वाली ट्रेन में 43% यात्रियों ने सफर किया था। के महंगे टिकट के कारण लोग इसमें यात्रा करना नहीं चाह रहे।
त्योहारों के इस सीजन में भी जहां सभी ट्रेनें फूल है, वंदे भारत ट्रेन खाली जा रही है रेलवे की तरफ से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के संबंध में यात्रियों से फीडबैक लिया गया और उनसे सुझाव मांगे गए, और इसमें इसके महंगा टिकटों को लेकर यात्रियों ने अपना फीडबैक दिया।
अब रेलवे की तरफ से इसके किराए में कटौती की जाने की संभावना दिख रही है बता दे की जयपुर से दिल्ली कैंट की स्लीपर क्लास का किराया 230 रुपए से 245 रुपए है जबकि वंदे भारत में 880 रुपए लिए जाते हैं।

उधर रांची हावड़ा वंदे भारत ट्रेन में भी यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। रेलवे ने इसके लिए भी दक्षिण पूर्व रेलवे को एक्शन लेने की सलाह दी है और अब दक्षिण पूर्व रेलवे इसके समय के बदलाव पर विचार कर रहा है।
आपको बता दे कि इस ट्रेन में 11 अक्टूबर से लगातार यात्रियों की संख्या घटती जा रही है। 11 अक्टूबर को चेयर कार और एग्जीक्यूटिव क्लास में 310 सीट, 12 अक्टूबर को 292 सीट, 13 अक्टूबर को 314 सीट और 14 अक्टूबर को 333 सीट, वही 15 अक्टूबर को 274 सीट खाली थी।

