उत्तराखंड के इस टूरिस्ट प्लेस के सामने फेल है नैनीताल और मसूरी की खूबसूरती

Valley of Flowers Uttarakhand : पूरे उत्तराखंड में घूमने फिरने की अनगिनत जगहें हैं । नैनीताल , मसूरी , भीमताल , अल्मोड़ा , टिहरी, जैसी प्राकृतिक पर्यटन स्थल तो पूरी दुनिया में अपनी ख़ूबसूरती के लिए जाने जाते हैं ।  लेकिन आज हम आपको उत्तराखंड ऐसी लोकेशन के बारे में बताने जा रहे हैं , जिसके सामने उत्तराखंड के सभी खूबसूरत हिल स्टेशन की सुंदरता फीकी  है।

हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के फूलों की घाटी के बारे में। जहां खिलने  वाले फूलों की सुंदरता को शब्दों में बयां करना आसान नहीं है। हिमालय के पहाड़ों के बीच फूलों की घाटी देखने में  बिलकुल जन्नत की खूबसूरती का अहसास करवाती है .

आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको उत्तराखंड में स्थित फूलों की घाटी के बारे में कुछ खास बातें बता रहे हैं –

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फूलों की घाटी

  • फूलों की घाटी पूरे विश्व में स्वच्छ वातावरण,वन्य जीव-जंतु, जड़ी-बूटियां, अद्भुत पक्षी व दुर्लभ अनोखे फूलों और यहां की खूबसूरती के लिए जानी जाती है।
  • आपको जानकर हैरानी होगी के फूलों की घाटी की खोज रास्ते से भटक गए ब्रिटिश पर्वतारोही दल ने की थी।
  • ब्रिटिश पर्वतारोही 1931 में  फ्रैंक एस. स्माइथ, एरिक शिप्टन और आर.एल. होल्ड्सवर्थ माउंट कैमेट की सफल चढ़ाई करके वापस लौट रहे थे। मार्ग से भटकते हुए वह उत्तराखंड की इस खूबसूरत फूलों की घाटी में पहुंच गए।
  • 1939 में, रॉयल बोटैनिकल गार्डन, केव द्वारा नियुक्त एक वनस्पतिशास्त्री जोन मार्गरेट लीज़ को इस घाटी के फूलों का अध्ययन करने के लिए भेजा गया था। हालाँकि, रास्ते में कुछ चट्टानी ढलानों से फूल इकट्ठा करते समय, दुर्भाग्य उनकी मृत्यु हो गयी ।
    इसके बाद, उनकी बहन ने घाटी का दौरा किया और उनके सम्मान में एक स्मारक बनवाया।
  • वन्यजीव संस्थान द्वारा नियुक्त वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर चंद्र प्रकाश काला 1993 से घाटी के फूलों और उनके संरक्षण पर व्यापक शोध कर रहे हैं।
  • घाटी की प्राकृतिक सुंदरता अपरिवर्तित बनी हुई है, जो हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करती है।
  • फूलों की घाटी में पच्चीस से अधिक प्रकार के फूल खिलते हैं जिनमे , हत्था जड़ी, पोटाटिला, प्रिमुला और प्रसिद्ध ब्लूपॉपी जिसे  हिमालय की रानी कहा जाता है।
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कैसे पहुंचे ?

यदि आप फूलों की घाटी की यात्रा में रुचि रखते हैं, तो यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यहां केवल पैदल ट्रैकिंग करके ही पहुंचा जा सकता है। यहाँ पहुंचने के लिए आपको किसी भी प्रकार के वाहन की सुविधा नहीं मिलती है ।

फूलों की घाटी तक पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में स्थित है। देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचने पर, आप आसानी से 300 किमी की दूरी तय करने के लिए गोविंदघाट के लिए टैक्सी बुक कर सकते हैं।

एक बार जब आप गोविंद घाट पहुँच जाते हैं, तो आपको घांघरिया तक पैदल चलना होगा। घांघरिया पहुंचने के बाद 19 किमी की यात्रा की ट्रैकिंग के द्वारा आप  फूलों की घाटी पहुंच सकते हैं । ध्यान दें घांघरिया पहुंच कर आपको फूलों की घाटी के के पास बनवना होता है ।