कोहरे के कारण अब निरस्त नहीं होंगी ट्रेनें, आधुनिक तकनीक का होगा इस्तेमाल
रेलवे प्रशासन इस बार कोहरे में रेलवे आधुनिक तकनीक के सहारे ट्रेनों का संचालन करने जा रहा है। जिससे ट्रेनों के संचालन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए इस बार कोहरे के कारण ट्रेनों को निरस्त नहीं किया जाएगा।
पिछले साल कम ट्रेनों को किया गया निरस्त
ट्रेनें निरस्त होने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। रेलवे ने पिछले साल कम ट्रेनों को निरस्त करने के लिए नया तरीका निकाला था। नियमित ट्रेनों को तीन माह तक निरस्त करने के बजाय सप्ताह में एक या दो दिन निरस्त किया था। जिससे देरी से चलने वाली ट्रेनों को कुछ दिन बाद निर्धारित समय पर चलाया जा सकता था।
सिग्नल में आल वेदर बल्ब
ट्रेनों के निरस्त होने से रेलवे की आय भी प्रभावित होती है। रेल प्रशासन ने इस बार कोहरे में ट्रेनों को निरस्त नहीं करने का फैसला किया है। ट्रेनों का संचालन प्रभावित न हो, इसके लिए सिग्नल में आल वेदर बल्ब लगाया गया है। इसके जरिए घना कोहरा होने पर भी चालक को दूर से सिग्नल की लाइट दिखायी देगी।
कोहरे के कारण 1996 से ट्रेनें निरस्त कर रहा है रेलवे
वर्ष 1996 से कोहरे के कारण रेलवे प्रत्येक साल दिसंबर से फरवरी तक कुछ ट्रेनों को निरस्त दे देता था। ट्रेनों को निरस्त करने के पीछे तर्क था कि कम ट्रेनों को चलाने से देरी से चलने वाली ट्रेनों को रास्ता मिलेगा। इसके चलते प्रत्येक साल मुरादाबाद रेल मंडल में 44 जोड़ी ट्रेनों को निरस्त कर दिया जाता था।
ट्रेनों के इंजन में लगेगा फॉग डिवाइस
इसके साथ उच्चीकृत फाॅॅग डिवाइस सभी ट्रेनों व मालगाड़ी के इंजन में लगाया जाएगा, जिससे चालक को सिग्नल, स्टेशन, रेल फाटक व पुल आने की जानकारी पहले ही मिल जाएगी। जिससे कोहरे में ट्रेनों की गति पर कोई असर नहीं पड़ेगा और ट्रेनों का संचालन प्रभावित नहीं होगी। मुख्य मार्ग पर ट्रेनों की गति कम नहीं किया जाएगा।
कम की जाएगी ट्रेनों की गति
ब्रांच लाइन पर ट्रेनों की गति कम की जाएगी। रेलवे ने कोहरे से ट्रेनों को चलाने की तैयारी पूरी कर ली है। सीनियर डीसीएम सुधीर सिंह ने बताया कि कोहरे में ट्रेनों की संचालन के लिए सभी तैयारी पूरी कर ली है। इस बार कोहरे में ट्रेनों को निरस्त करने का आदेश रेल बोर्ड से नहीं मिला है।

