बिहार में एक ही परिवार के 3 भाई बहनों ने पहले प्रयास में ही पास की जज की परीक्षा, पढ़े स्टोरी

three brother and sisters of a family got success in bpsc civil judge exam

कहते हैं कि पंखों से ही नहीं, हौसलों से भी उड़ान होती है और गर हौसला है तो आप बड़े से बड़ा मुकाम भी हासिल कर सकते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बिहार के एक छोटे से गांव के तीन युवाओं ने।

एक ही परिवार के तीन युवाओं ने एक साथ जब जज की परीक्षा पास कर ली, तो किसी को यकीन नहीं हुआ। जिसे यकीन हुआ वह खुशी के मारे उछल पड़ा। इनमें दो बेटियां और एक बेटा है।

दो बेटियों के पिता सुरेंद्र लाल देव बिहार पुलिस में ही सब इंस्‍पेक्‍टर थे। हाल ही में उन्‍होंने रिटायरमेंट लिया है, जबकि उनके चचेरे भाई शिक्षक हैं, जिनके बेटे ने भी इस परीक्षा में सफलता पाई है।

नौडेगा गांव के हैं निवासी

बिहार के दरभंगा बहेड़ी प्रखंड के नौडेगा गांव के सुरेन्‍द्र लाल देव के परिवार के तीन बच्‍चों ने एक साथ बिहार लोक सेवा आयोग की 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता पाई है, जिसके बाद परिवार व गांव में जश्‍न का माहौल है।

सभी एक दूसरे से अपनी खुशियां बांट रहे हैं। सुरेन्‍द्र लाल देव की दोनों बेटियां और उनके भाई अजय कुमार का बेटा इस परीक्षा में सफल हुए हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि इनको यह सफलता पहले प्रयास में ही मिली है। आपको बता दें कि तीनों ने LLM की पढ़ाई की और चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के स्‍टूडेंट रहे।

Three children of Surendra Lal Devs family of Naudega village together got success in 31st Judicial Services Examination of Bihar Public Service Commission
नौडेगा गांव के सुरेन्‍द्र लाल देव के परिवार के तीन बच्‍चों ने एक साथ बिहार लोक सेवा आयोग की 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता पाई Credits: NEWS18

पिता रह चुके हैं धावक

दरभंगा जिले के शिप्रा, नेहा और अनंत ने बिहार लोक सेवा आयोग की 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। शिप्रा और नेहा के पिता सुरेंद्र लाल देव बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे और वह मैराथन धावक भी रह चुके हैं।

पत्‍नी आभा देवी हाउसवाइफ हैं, वहीं उनके चचेरे भाई व अनंत के पिता अजय कुमार शिक्षक हैं।

चाचा ने राह दिखाई

तीनों बच्‍चों ने अपनी सफलता का श्रेय अपने चाचा उदय लाल देव को दिया है। दरअसल, उदय लाल देव पेशे से वकील हैं और दरभंगा कोर्ट में वकालत करते है। उन्‍होंने तीनों बच्चों का मार्गदर्शन किया और न्यायिक सेवा के बारे में बताया।

परीक्षा की तैयारी में भी वह बच्‍चों को टिप्‍स दिया करते थे। तीनों का कहना है कि उनके मार्गदर्शन का ही नतीजा है कि वह सफल हो पाए।

इसके अलावा शिप्रा, नेहा और अनंत ने सहयोग के लिए अपने माता पिता और शिक्षकों के प्रति आभार जताया है।

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