भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस बात का खुलासा हुआ है कि बिहार के टॉप फाइव जिले में पिछले पांच वर्षों में जिन जिलों ने जगह बनायी, उसे हटा कर दूसरा कोई भी जिला काबिज नहीं कर सका।
इस सूची में भागलपुर कहीं नहीं है। ऐसी स्थिति सिर्फ वर्ष 2022 की नहीं है, बल्कि वर्ष 2019 से लेकर अब तक की है। आईये जानते है इसके पीछे क्या वजह है और टॉप 5 में बिहार के कौन-कौन से जिले शामिल है?
बिहार में छह महीने में वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री
बिहार में बीते 6 महीने में वाहनों की रिकॉर्ड संख्या में बिक्री हुई है। इस दौरान बिहार में कुल 6 लाख 50 हजार 685 वाहन बिके। केन्द्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार इसी समान अवधि में गत वर्ष केवल 5 लाख 68 हजार 752 वाहन बिके थे। इस प्रकार छह माह में 81 हजार 933 वाहन अधिक बिके।
ऐसा माना जा रहा है कि साल के अंत तक बिहार में पिछले वर्ष की अपेक्षा दो लाख वाहन अधिक वाहनों की बिक्री हो सकती हैं। वहीँ पूरे देश में पिछले 6 माह में एक करोड़ 12 लाख 32 हजार वाहन बिके हैं, जो पिछले साल से लगभग 8.90 लाख अधिक है। ऐसे में पूरे देश का 10 फीसदी अतिरिक्त वाहन बिहार में ही बिका।
चारों स्थानों पर पूर्णिया ने किया टॉप
दरअसल वाहनों की खरीद-बिक्री में बिहार के अन्य जिलों की अपेक्षा कोसी, सीमांचल व पूर्वी बिहार में पूर्णिया को छोड़ अन्य कोई भी जिला टॉप फाइव जिलों में शामिल नहीं हो सका है।
इसका असर न सिर्फ सरकार के खजाने पर पड़ा, बल्कि जिले की बढ़ती-घटती गति को भी यह आंकड़ा दर्शा गया। जानकारी के लिए बता दे की वाहन की खरीद-बिक्री और इससे जुड़े अन्य मामले में मिनिस्ट्री ऑफ रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज चार स्थानों पर राज्य के टॉप फाइव जिलों को शामिल करता है।
इनमें रजिस्ट्रेशन, ट्रांजेक्शन, रेवेन्यू व परमिट शामिल हैं। सिर्फ पूर्णिया की बात करें, तो रजिस्ट्रेशन में चौथे, ट्रांजेक्शन में तीसरे, रेवेन्यू में तीसरे और परमिट में तीसरे स्थान पर खुद को स्थापित किये हुए है।
बिहार के टॉप फाइव जिले
- रजिस्ट्रेशन में: पटना, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया व मोतीहारी
- ट्रांजेक्शन में: पटना, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, सीवान व गया
- रेवेन्यू में: पटना, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, गया व दरभंगा
- परमिट में: पटना, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, दरभंगा व गया
पूर्णिया भागलपुर से आगे क्यों?
मिहिर हीरो के जनरल मैनेजर कन्हैया लाल के अनुसार भागलपुर के साथ सबसे बड़ी दिक्कत है कि इसके आसपास के क्षेत्र में जिला मुख्यालय की कमी है। वहीं, फोर व्हीलर का एक्सटेंशन काउंटर है, जबकि पूर्णिया में फोर व्हीलर के डीलरशिप भरे पड़े हैं।
पूर्णिया का कम्यूनिकेशन अपेक्षाकृत काफी बेहतर है। पूर्णिया के शोरूम से अगर बेगूसराय के लोग भी वाहन खरीदना चाहे, तो दो घंटे में पहुंच जायेंगे। वहां ग्रामीण क्षेत्र में वाहनों के खरीदार अपेक्षाकृत अधिक हैं। इन सभी वजहों से पूर्णिया के मुकाबले भागलपुर पीछे रह जाता है।
इस वर्ष कहां कितने रजिस्ट्रेशन हुए?
- माह: पूर्णिया : भागलपुर
- जनवरी: 3,392 : 1,421
- फरवरी: 3,919 : 1,292
- मार्च: 4,629 : 3,287
- अप्रैल: 3,791 : 3,261
- मई: 5,647 : 3,264
- जून: 5,531 : 2,993
- जुलाई: 4,206 : 2,419
- कुल: 31,115 : 17937