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बिल गेट्स, एलॉन मस्क को पीछे छोड़ सूर्यांश बने सबसे छोटे उम्र के सीईओ, 13 साल की उम्र में खड़ी कर दी 56 कंपनियां

Suryaansh of Muzaffarpur: कहते हैं हुनर का उम्र से कुछ लेना देना नहीं होता है। अगर मन में कुछ करने की इच्छा हो तो आप अपनी उम्र से भी बड़े-बड़े काम कर सकते हैं। अक्सर अपने सुना होगा देश विदेश की वह शख्सियत जिन्होंने अपने क्षेत्र में बहुत बड़ा नाम कमाया है, उन्होंने बहुत कम उम्र से ही अपने काम की शुरुआत कर दी थी।

आज हम आपको बिहार के ऐसे ही एक होनहार सीईओ के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी उम्र सुनकर शायद आपको यकीन नहीं होगा। हम बात कर रहे हैं बिहार के मुजफ्फर जिले के कटरा खंड के अम्मा गांव के निवासी सूर्यांश के बारे में।

सूर्यांश की उम्र इस समय 15 वर्ष है और वह 56 कंपनियों के सीईओ हैं। आपको जानकर बहुत हैरानी होगी आज से 2 साल पहले ही सूर्यांश ने अपनी कंपनी Suryansh Contech Private Limited के अंतर्गत इन 56 ऑनलाइन कंपनियां को तैयार किया था। इसके बाद वह सबसे कम उम्र के सीईओ बन चुके हैं।

 9 वी कक्षा में खोली थी पहली कंपनी

आपको बता दे मात्र 13 वर्ष की आयु में सूर्यांश ने अपनी पहली कंपनी खोली थी ।उसे समय में नौवीं के छात्र थे। इंटरनेट पर ऑनलाइन सर्च करते हुए उन्हें कंपनी खोलने का आइडिया आया। जिसे उन्होंने अपने पिताजी के साथ डिस्कस किया। माता-पिता ने उनके इस विचार को सहमति देते हुए उनके इस काम में पूरा साथ दिया।

इसके बाद इसके बाद उन्होंने अपनी पहली ई-कॉमर्स कंपनी खोली जिसमें जिसके अंतर्गत वह लोगों के सामानों को बहुत कम से कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाएंगे। इसके अलावा अन्य कई फ़ील्ड में भी सूर्यांश की कंपनियां काम करेंगे जैसे क्रिप्टोकरंसी, मेट्रोमोनियल, कैब शेयरिंग, ई-कॉमर्स,शेयर मार्केट आदि से संबंधित है.

18 घंटे करते हैं काम

मात्र 15 साल की उम्र में सूर्यांश 18-18 घंटेकाम करते हैं. अपनी सभी कंपनियों को धरातल पर उतरने के लिए सूर्यांश कड़ी मेहनत कर रहे हैं. कई कई घंटे लगातार काम करने के कारण सूर्यांश की पढ़ाई भी बाधित हो जाती है.

लेकिन सूर्यांश के अनुसार उनके स्कूल से भी उन्हें अपने काम के लिए काफी सहयोग मिलता है । जिससे वह बिना किसी परेशानी के अपने काम में अपना ध्यान लगाते हैं.

माता-पिता से मिला पूरा सहयोग

आपको बता देंसूर्यांश के माता-पिता एक एनजीओ चलाते हैं। जो की संयुक्त राष्ट्र से जुड़ा हुआ है. सूर्यांश अपने माता-पिता के बारे में बताते हैं कि उन्होंने हमेशा उनके काम में उनका सहयोग किया है। और उनके प्रेरणा स्रोत के रूप में हमेशा उनके साथ रहे हैं.

कभी कोई समस्या सामने आती है तो वह उसका डेट कर सामना करनेके लिएसूर्यांश का मनोबल बढ़ाते हैं.हाल ही में सूर्यांश ने ‘द स्मैश गाये’ नाम की किताब भी लिखी है.