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सचिन के लिए छोड़ दी कलेक्टर की नौकरी, बिहार के इस क्रिकेट फैन के बारे में जानकर नहीं रोक पाएंगे अपने आंसू

Sudhir Gautam Cricket Fan: भारत में क्रिकेट लोगों की रगो में खून की तरह बहता है. क्रिकेट के प्रति लोगों की दीवानगी इस कदर है कि अपना जरूरी कामकाज छोड़कर क्रिकेट देखने के लिए समय निकाल ही लेते हैं। भारत में इतनी प्रसिद्धि किसी और खेल को नहीं मिली है जितनी क्रिकेट को मिली है। बिहार में भी क्रिकेट के कई दीवाने हैं जो क्रिकेट खेलने और देखने के लिए जी जान से लगे रहते हैं।

तो अगर आप भी अपने आप को क्रिकेट का सबसे बड़ा फैन समझते हैं तो जरा रुकिए , आज हम आपको क्रिकेट के सबसे बड़े फैन के बारे में बताने जा रहे हैं जो बिहार राज्य के मुजफ्फर पुर का रहने वाला है।

जी हां , हम बात कर रहे हैं मुजफ्फरपुर जिले के दामोदरपुर गांव के रहने वाले सुधीर गौतम के बारे में। जिन्हें क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का सबसे बड़ा फैन माना जाता है।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको क्रिकेट के इस दीवाने फैन सुधीर गौतम के बारे में कुछ ऐसी अनजाने फैक्ट्स बताने जा रहे हैं जिन्हें जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे-

सचिन को मानते हैं भगवान

आपको बता दें मुज़फ़्फ़र नगर में रहने वाले सुधीर गौतम, सचिन तेंदुलकर को अपना भगवान मानते हैं। सचिन तेंदुलकर का हर मैच देखने पहुंचते थे। सचिन के रिटायरमेंट के बाद सबसे ज्यादा रो भी थी। लेकिन उसके बाद भी उनकी क्रिकेट के लिए दीवानगी कम नहीं हुई और आज भी वे भारत का हर मैच देखने ,अपनी बॉडी को पूरी तरह भारतीय तिरंगे में पेंट करके स्टेडियम में पहुंचते हैं।

1982 में जन्मे सुधीर 6 वर्ष की उम्र से ही क्रिकेट के और सचिन तेंदुलकर के फैन है। आपको बता दे आज भी सचिन तेंदुलकर उनका स्टेडियम में मैच देखने का खर्चा उठाते हैं।

तीन-तीन नौकरियों को मारी ठोकर

सुधीर क्रिकेट मैच देखने के इस कदर दीवाने हैं कि इसके लिए उन्होंने अपनी नौकरियां को ठोकर मार दी। सुधीर सबसे पहले एक डेरी पर काम करते थे, जहां वह कोई से लेकर कलाकंद तक महारत के साथ बनाया करते थे। लेकिन क्रिकेट मैच देखने के जुनून की वजह से उन्होंने उसे नौकरी को छोड़ दिया।

डेरी की नौकरी से जो भी पैसा इकट्ठा हुआ , उससेउन्होंने अपना पासपोर्ट बनवा लिया। जिससे वे देश के अलावा विदेश में होने वाले भारत के मैच को भी देखने पहुंच सके।

सुधीर की दूसरी नौकरी सुधीर की दूसरी नौकरी शिक्षामित्र के रूप में लगी उसे नौकरी को भी उन्होंने भारत पाकिस्तान सीरीज को देखने के लिए छोड़ दिया।

इसके बाद तीसरी नौकरी के लिए उन्होंने तैयारी की और टिकट कलेक्टर के रूप में उनका चयन भी हो गया था। परंतु भारत पाकिस्तान सीरीज के अंतिम मैच के दिन उनका इंटरव्यू था। और सुधीर ने इंटरव्यू के स्थान पर भारत के मैच को देखना ज्यादा जरूरी समझा।

साइकिल चला कर पहुंचे मुंबई

सुधीर की सचिन के प्रति दीवानगी के चलते वे अपनी साइकिल से ही सचिन से मिलने मुंबई निकल पड़े थे। 17 दिन की साइकिल यात्रा करने के बाद वे मुंबई पहुंच गए। और सचिन से मिलने के लिए इधर-उधर भटकने लगे। तब उन्हें कुछ पत्रकारों से पता चला कि सचिनट्राइडेंट होटल में किसी एक इवेंट अटेंड करने पहुंचने वाले हैं।

सुधीर वहां साइकिल से पहुंचकर उनका इंतजार करने लगे। और सचिन के आते ही भीड़ को चीरते हुए उनके पास पहुंच गए और जाते ही उनके पैर छू लिए। उनके इस प्रेम और कहानी को जानकर सचिन ने उन्हें अपने घर आने का न्योता भी दिया।

उसके बाद सचिन के घर पहुंच कर उन्होंने सचिन के साथ खाना खाया और साथ ही सचिन ने उन्हें मैच के लिए पास भी दे डाला।

सचिन उठाते हैं मैच का खर्च

देश में होने वाले किसी भी मैच में पहुंचने के लिए सुधीर ट्रेन का प्रयोग करते हैं। लेकिन कुछ समय पहले तक वह ट्रेन में पैसों की तंगी की वजह से टिकट नहीं लिया करते थे, जिसकी वजह से उन्हें एक बार टीटी ने पकड़ लिया। लेकिन सचिन के बारे में बताने के बाद टीटी ने उन्हें यह कहते हुए छोड़ दिया कि ऐसा करने से सचिन का नाम खराब होगा। तब से उन्होंने ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करना छोड़ दिया।

सुधीर की क्रिकेट के प्रति दीवानगी ऐसी है कि इसके लिए उन्होंने अपने भाई बहन की शादी को भी छोड़ दिया। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार से आने वाले सुधीर का परिवार बेहद साधारण  जीवन व्यतीत कर रहा है।

लेकिन सुधीर आज भी भारत के हर एक मैच को देखने अवश्य पहुंचते हैं। जिसका खर्चा उनके जान पहचान वाले या दोस्त उठते हैं। लेकिन अगर मैच भारत से बाहर हो तो लेकिन उनके इस खर्च को सचिन खुद उठाते हैं।

सिर  पर बांधते हैं वर्ल्ड कप की ट्रॉफी

भारत के वर्ल्ड कप जीतने के बाद से ही वह अपने सिर पर वर्ल्ड कप की डमी ट्रॉफी को बांधते हैं। ट्रॉफी नीचे ना गिरे इसके लिए वह इसे कपड़े से इतना टाइट करके बनते हैं कि जिसकी वजह से वह मुंह से बोल भी नहीं पाते हैं। और घंटे बाद जब वह इस ट्रॉफी को नीचे रखते हैं तो उनका सर समेत जबड़े का काफी हिस्सा छिल जाता है।

इसके साथ ही उन्होंने अपने सिर पर भारत का नक्शा भी बनवा रखा है। जब भी कोई उनके साथ फोटो खींच आता है तो वह अपना सिर नीचे करते हैं जिससे भारत का नक्शा सामने आ सके।