सिर में चोट से 1 साल बिस्तर में रहे पर नहीं मानी हार , वर्ल्ड चैंपियनशिप नीलकंठ भानु ने खडी कर दी 810 करोड़ की कंपनी :

मैथ्स एक ऐसा सबजेक्ट है जिसको लेकर बच्चों के दिमाग में कहीं न कहीं एक डर बैठा रहता है। बच्चे अक्सर गणित से दूर भागते हैं लेकिन बच्चों के मन से इस डर को निकालने का काम नीलकंठ भानु ने बखुबी किया है।

Fastest human calculator नीलकंठ भानु ने 22 की उम्र में शुरू किया था स्टार्टअप Bhanzu, अब 810 करोड़ रुपये पहुंच गई है वैल्यूएशन - neelkantha bhanu started bhanzu at 22 now this

उन्होंने माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड (MSO) के मेंटल कैलकुलेशन वर्ल्ड चैंपियनशिप में इंडिया के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता था। उनके नाम पर पांच वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हैं। इसके अलावा 50 लिम्का रिकॉर्ड्स हैं। हैदराबाद के नीलकंठ भानु “हर वक़्त अंकों के बारे में सोचते रहते हैं” और अब वो दुनिया के सबसे तेज़ ह्यूमन कैलकुलेटर हैं।

विश्व के सबसे तेज मानव कैलकुलेटर ने किया गणित सिखाने के लिए स्टार्टअप, मिली 120 करोड़
नीलकंठ ने बताया मैं एक स्कूल जानें वाला बच्चा था। लेकिन पांच साल की उम्र में एक दुर्घटना की वजह से मुझे एक साल बिस्तर में रहना पड़ा। डॉक्टर ने मेरे माता-पिता को कहा गया था कि मेरे देखने-सुनने-समझने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। फिर मैं पजल आदि सॉल्व करने लगा। मैंने अपने दिमाग को व्यस्त रखने के लिए मेंटल मैथ्स कैलकुलेशन करना शुरू किया। धीरे-धीरे इसमें मेरी दिलचस्पी बढ़ती गई।

विश्व के सबसे तेज मानव कैलकुलेटर ने किया गणित सिखाने के लिए स्टार्टअप, मिली 120 करोड़ की फंडिंग

भानू ने कहा कि मेरे पेरेंट्स ने मेरी दिलचस्पी को देखते हुए मुझे शतरंज के लिए भेज दिया। उस दौरान एक दो अर्थमेटिक चैंपियनशिप हो रहे थे, जिसमें एक में मैंने हिस्सा लिया। मै तीसरे पॉजिशन पर आया। और फिर इसी तरह मैं चैंपियनशिप में हिस्सा लेता गया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं फास्टेस्ट ह्यूमन कैलकुलेटर बन जाउंगा।

दुनिया के सबसे तेज 'ह्यूमन कैलकुलेटर' बने नीलकंठ भानु, मेंटल कैलकुलेशन वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भारत को दिलाया पहला गोल्ड - World Fastest Human Calculator ...

वो कहते हैं कि “मैं हर वक़्त अंकों के बारे में सोचता रहता हूं।” भानु बताते हैं, “मैं तेज़ संगीत बजाकर प्रेक्टिस करता हूं, इस बीच लोगों से बात करता हूं, मिलता हूं और क्रिकेट भी खेलता हूं। क्योंकि इससे आपका दिमाग एक वक़्त में कई सारी चीज़ें एक साथ करने के लिए ट्रेन होता है।”

Neelakantha Bhanu Prakash J (@bhanuprakashjn) / Twitter
देसी-विदेशी स्टूडेंट्स तक पहुंचने का इरादा वर्ष 2020 में ब्रिटेन में आयोजित ‘माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड’ जीतने वाले पहले एशियाई बनने के बाद नीलकंठ भानु ने उसी वर्ष ‘भांजु’ की नींव रखी। जिसकी वैलयूएशन 10 करोड़ डॉलर (810 करोड़ रुपये) पर पहुंच गई है। आज ‘भांजु’ के जरिये वे तीस हजार से अधिक स्टूडेंट्स एवं उनके पैरेंट्स का विश्वास प्राप्त करने में सफल रहे हैं।