500 रुपये की आभाव में छुट गया था IIT का परीक्षा, सालों की कड़ी मेहनत के बाद बेटा बना UPSC टॉपर

shubham kumar ias sucess story

यूपीएससी टॉपर शुभम कुमार को अपनी मेहनत और रातों की नींद उड़ाने का ही नहीं बल्कि पीढ़ी दर पीढ़ी की मेहनत का भी फल मिला है. जबकि हम यूपीएससी सिविल सेवा टॉपर्स के संघर्षों के बारे में जानते हैं|

उनके पिता देवानंद सिंह भी एक ब्राइट स्टूडेंट रहे हैं, हालांकि, पैसे की कमी के कारण वे अपने सपनों को हासिल नहीं कर सके| मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महज ₹500 के लिए छूट गया था इनका आईआईटी का एग्जाम

UPSC 2020 टॉपर 

देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है यूपीएससी। लगभग सभी युवा का सपना होता है, इस एग्जाम को क्लीयर करना। लेकिन, इसमें सफलता चंद छात्रों को ही मिल पाती है। यूपीएससी 2020 में बिहार के लाल शुभम कुमार टॉपर बने। उन्‍हें यह सफलता तीसरी कोशिश में मिली।

शुभम ने एक इंटरव्‍यू में कहाँ था कि मैंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कई बार तो ऐसा होता था की मेरी हिम्मत टूट जाती थी। लेकिन माता-पिता और भाई के सहयोग से ही ऐसा हो पाया है।

500 रुपये के आभाव में छुटा था पिता का एग्जाम 

बिहार के कटिहार के रहने वाले देवानंद सिंह पढ़ाई में अच्छे थे और 1983 में आईआईटी की एडमिशन परीक्षा पास करना चाहते थे, वह एक टीचर थे. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण घटना में देवानंद के पिता का निधन हो गया |shubham kumar ias sucess story

देवानंद ने आईआईटी का फॉर्म भी भर दिया था, हालांकि, उन्हें परीक्षा देने के लिए 500 रुपये की जरूरत थी, जो उस समय वहन करने में सक्षम नहीं थे.

बैंक के मैनेजर है शुभम के पिता

जब शुभम के पिता और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के मैनेजर शुभम के पिता की आंखों में आंसू आ गए जब उन्होंने बताया कि कैसे उनके बेटे ने उनके सपने को पूरा किया है. अपना दिल बहलाते हुएshubham kumar ias sucess story

देवानंद ने खुलासा किया था कि वह अपने एक दोस्त के साथ, जिसके पास भी वही आर्थिक तंगी थी, पूरी रात रोए. अब उनके बेटे ने उनके सपने को पूरा किया| जाहिर सी बात है जिसका पिता इतना मेहनती हो उसका बेटा पर कुछ न कुछ आसार तो होगा ही |

शुभम के सफलता से लाखो युवाओं में ला दी है अलग ऊर्जा

यूपीएससी सिविल सर्विसेज में रैंक 1 पाने के बाद, शुभम बिहार में रहकर राज्य के विकास पर फोकस  करना चाहते हैं. वह ग्रामीण क्षेत्रों में वंचितों के लिए काम करना चाहते हैं| शुभम के इस सफलता के बाद सारे युवाओं में एक अलग ऊर्जा आ गई है |

शुभम की शुरुआती पढ़ाई उनके गांव कुम्हारी में हुई और बाद में उन्होंने कक्षा 6 से 10 तक पढ़ने के लिए पूर्णिया जिले के परोरा के विद्या विहार स्कूल में एडमिशन लिया. उन्होंने चिन्मयानंद, बोकारो से कक्षा 11 और 12 की पढ़ाई की|

IIT  बॉम्बे से किया है इंजीनियरिंग

यूपीएससी टॉपर ने आईआईटी बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है, जिसे उन्होंने 2018 में पूरा किया था. टीचर और प्रोफ़ेसर की मने तो शुभम शुरू से ही होनहार छात्र थे |

शुभम को भी एग्जाम पास करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. उनकी मां पूनम देवी ने बताया कि जब वह पटना के एक आवासीय विद्यालय में एडमिशन हुआ तब वह महज छह साल के थे.

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उन्होंने बताया कि बच्चे को अकेले छोड़ना उसके लिए दर्दनाक था. उन्होंने कहा, “मैं पूरी रात रोती थी लेकिन बचपन से ही वह कुछ बड़ा करना चाहते थे.” शुभम ने इससे पहले 2018 में यूपीएससी परीक्षा दी लेकिन रिजल्ट उनके पक्ष में नहीं रहा था.