रिक्शा वाले के बेटे की IAS बनने की बेमिसाल कहानी, जल्द आने वाली है गोविंद जायसवाल की बायोग्राफी : देखे PHOTOS
एक रिक्शा वाले का बेटा आईएएस ऑफिसर बन गया… यह चर्चा हर किसी के जुबान पर होती है। साल 2006 में सिविल सेवा पास करके IAS Officer बनने वाले बिहार के गोविंद जायसवाल को कौन नहीं जानता।

अब गोविंद एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, आईएएस गोविंद की कहानी पर एक फिल्म बन रही है। इस फिल्म का नाम ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ है। यह फिल्म 12 मई 2023 को रिलीज होगी। इस फिल्म के जरिए लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाले गोविंद की कहानी बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी।

साल 2005 में आईएएस गोविंद जायसवाल की मां इंदु की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई थी। गोविंद के पिता एक रिक्शा कंपनी के मालिक थे और उनके पास 35 रिक्शा थे। पत्नी के इलाज में उनके ज्यादातर रिक्शा बिक गए और वह गरीब हो गए।

उस समय गोविंद 7वीं कक्षा में थे। कई बार गोविंद, उनकी तीनों बहनें और पिता सिर्फ सूखी रोटी खाकर भी गुजारा करते थे। गोविंद के पिता ने अपने चारों बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं रखी। उस समय गोविंद का पूरा परिवार काशी के अलईपुरा में 10/12 की एक कोठरी में रहता था।

उन्होंने अपनी तीनों ग्रेजुएट बेटियों की शादी में अपने बचे हुए रिक्शे भी बेच दिए थे। साल 2006 में गोविंद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए दिल्ली आ गए थे। गोविंद को पॉकेट मनी भेजने के लिए उनके पिता ने सेप्टिक और पैर में घाव होने के बावजूद रिक्शा चलाना शुरू कर दिया था।

गोविंद को रुपये भेजने के लिए उनके पिता कई बार खाना नहीं खाते थे। उन्होंने अपने घाव का इलाज तक नहीं करवाया था। वहीं गोविंद भी दिल्ली जरूर गए थे लेकिन उन्होंने कोचिंग नहीं की थी। वह वहां बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे। रुपये बचाने के लिए उन्होंने एक टाइम का टिफिन और चाय बंद कर दी थी। साल 2007 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 48वीं रैंक हासिल की थी।

