बिहार के इस जेल में कैदी ले रहे संगीत की शिक्षा, हथियार उठाने वाले हाथ में अब वीणा की तान

जिन कैदियों के हाथों में कभी तमंचे और हथियार लहराते थे, अब उन्हीं हाथों में वो मां सरस्वती की वीणा, सितार, हारमोनियम और वाद्य यंत्र थाम रहे हैं। बिहार के पूर्णिया जिले के सेंट्रल जेल में दर्जनों कैदी इस वक्त संगीत की डिग्री हासिल कर रहे हैं, जेल प्रशासन की अनुमति से सृजन कला मंडलम के संगीत शिक्षक जयदीप मुखर्जी और सूरज साहनी कैदियों को जेल के अंदर संगीत शिक्षा दे रहे हैं।

प्रयाग संगीत समिति से संगीत की डिग्री हासिल कर रहे कैदियों का संगीत की शिक्षा से उनका ह्रदय परिवर्तन हो रहा है, इसके साथ ही उन्हें डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद मिल रही है। जेल से रिहा होने के बाद संगीत के माध्यम से वो समाज की मुख्यधारा से जुड़कर रोजगार पा सकेंगे.

 

सृजन कला मंडलम के संगीत शिक्षक जयदीप मुखर्जी का कहना है कि अभी तीस बंदियों ने संगीत से मध्यमा का फार्म भरा है। यह लोग संगीत से डिग्री हासिल कर रहे हैं। वहीं, संगीत गुरु सूरज साहनी ने बताया कि यहां के कैदी गिटार, हारमोनियम, ट्रिपल, नाल जैसे वाद्य यंत्र बजाना सीख रहे हैं। यह लोग संगीत से स्नातक करना चाहते हैं, इसमें जेल प्रशासन का काफी सहयोग मिल रहा है।

केन्द्रीय कारागार पूर्णिया के जेल अधीक्षक राजीव कुमार झा ने कहा कि दो अक्टूबर को आयोजित कार्यक्रम में कैदियों ने बहुत अच्छी प्रस्तुति दी थी। तब उसने सोचा कि क्यों न इन लोगों को संगीत की पढ़ाई की व्यवस्था की जाए।

प्रयाग संगीत समिति के माध्यम से अभी तीस बंदियों का मध्यमा का फार्म भरा गया है। जेल में ही इनकी परीक्षा भी होगी. इन्हें संगीत सिखाने के लिये सृजन कला मंडलम के जयदीप मुखर्जी और सूरज साहनी जेल में ही आकर इन्हें संगीत और वाद्य यंत्र की शिक्षा देते हैं।