बिहार की बबिता को मिलेगा राष्ट्रपति पुरुस्कार, प्लास्टिक कचड़े से बनाती है उपयोगी वस्तुएं, जानिए इनका सफर

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प्लास्टिक कचरे से सजावटी सामग्री बनाकर खुद की जीविका चलाने के साथ दूसरी महिलाओं को भी राह दिखा रहीं मुजफ्फरपुर की सीहो गांव निवासी बबीता गुप्ता को राष्ट्रपति पुरस्कार मिलेगा।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की ओर से आगामी चार मार्च को विज्ञान भवन, नयी दिल्ली में आयोजित समारोह में उन्हें ‘‘सुजल शक्ति सम्मान 2023” से सम्मानित किया जायेगा।

Babita Gupta will be honored with Sujal Shakti Samman 2023
बबीता गुप्ता को ‘‘सुजल शक्ति सम्मान 2023” से सम्मानित किया जायेगा

बबीता स्वयं सहायता समूह (जीविका) की सदस्य हैं और स्वच्छता तथा पेयजल के विभिन्न श्रेणियों के लिए हुई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में उनका चयन किया गया है।

पति की दिव्यांगता के बाद बनायी अलग राह

पति के निरोग रहने पर बबीता का परिवार भी काफी खुशहाल था। अचानक पति दिव्यांग हो गये और परिवार पर संकट के बादल छा गये। इसके बाद वह जीविका की सदस्य बनीं और प्लास्टिक कचरे से उपयोगी वस्तु बनाने का हुनर जाना।

Babita makes useful items from plastic waste
प्लास्टिक कचरे से उपयोगी वस्तु बनाती है बबिता

इससे वह खुद स्वावलंबी बन चुकी हैं। अब वह गांव की महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हैं। उनकी इस पहल से 24 से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर हो चुकी हैं।

समाधान यात्रा में बबीता के समूह की ओर से लगी थी प्रदर्शनी

लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत मुजफ्फरपुर के सकरा में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई एवं प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गयी है। बबीता इस इकाई से जुड़ीं। जल्द ही इस कला में उन्हें महारत हासिल हो गयी।

Now Babita is giving training to the women of the village.
अब बबिता गांव की महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हैं

पटना में आयोजित विश्व शौचालय दिवस 2022, राजगीर महोत्सव, हाल में संपन्न “समाधान यात्रा’ में बबीता के समूह की ओर से निर्मित उत्पाद की प्रदर्शनी लगायी गयी थी़।

जीविका के पदाधिकारी बोले

जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी-सह-लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान/स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के मिशन निदेशक राहुल कुमार ने बबीता की सफलता पर हर्ष व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा कि बबीता को राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने से अपशिष्ट को ‘संसाधन’ में बदलने तथा इसे जीविकोपार्जन का जरिया बनाने वालों अन्य लोगों व महिलाओं का उत्साह बढ़ेगा।

बुके, पर्स की डिमांड

बबीता प्लास्टिक कचरे से सूती एवं ऊनी धागे, रंगों के माध्यम से सजावटी सामग्री बनाती हैं। प्लास्टिक की बोतलों से–कृत्रिम फूल के बुके, एक्स-रे फिल्म की कतरनों से फूलदानी, लटकनी, पाउच, बैग, पर्स, झोले, रंगबिरंगे गुलदस्ता इत्यादि बनातीं हैं। लोग इन उत्पादों को अच्छी कीमत देकर खरीदते हैं।