Golghar Patna: पटना का ऐतिहासिक गोलघर एक बार फिर पर्यटकों के लिए होगा शुरू, जानिए कब से शुरू होगी एंट्री
		एक समय में पटना की पहचान कहे जाने वाला ऐतिहासिक स्थल गोलघर ,अब एक बार फिर से पर्यटको से गुलजार होगा। कला संस्कृति और युवा विभाग के द्वारा बोल भट्ट की सीढ़ियों के निरीक्षण के बाद इसे अगले महीने से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा । तो अगर आप भी पटना के गोलघर को घूमने का मन बना रहे हैं तो नेक्स्ट बिहार पर जानिए पूरी खबर –
पटना का नाम सुनते ही एक नाम सबसे पहले ज़हन में आता है और वो है गोलघर, वो गोलघर जो आज भी पटना की पहचान है। गांधी मैदान के पास बने इस गोलघर पर चढ़कर कभी पूरे पटना को देखा जा सकता था।
लेकिन पिछले 12 वर्षों से इसे सरकार की ढुलमुल रवैया की वजह से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था।लेकिन अब इस ऐतिहासिक गोलघर को पर्यटक जल्द ही फिर से देख पाएंगे इसकी घुमावदार सीढ़ियों पर चढ़कर पटना का नजारा आप फिर से देख पाएंगे।
निरीक्षण टीम चाहे तो होगा अगस्त से शुरू

कला संस्कृति युवा विभाग के अपर सचिव ने जानकारी देते हुए कहा कि गोलघर की सीढ़ियां टूट चुकी थी और कई जगहों पर क्रैकआ गए थे जिसके बाद इसे आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था और इसकी सूचना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को दे दी गई थी ।
पिछले काफी समय से गोलघर की मरम्मत का कार्य चल रहा था और जब इसके मरम्मत का कार्य पूरा हो गया तो इसके निरीक्षण के लिए कला संस्कृति की एक टीम पहुंची तथा उन्होंने निरीक्षण के समय पाया कि इसकी सीढ़ियों की मरम्मत में अब भी कुछ खामियां थी।
इसकी सूचना चिट्ठी के माध्यम से एएसआई को दी गई और एएसआई ने इस पर तुरंत कार्यवाही की अब विभाग की ओर से दोबारा सीढ़ियों का निरीक्षण किया जाएगा और अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगस्त महीने से इसे आम लोगों के लिए फिर से खोल दिया जाएगा।
गोलघर की मरम्मत की लागत
आपको बता देगी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई को जब इसकी जानकारी मिली थी गोलघर की सीढ़ियों की स्थिति ठीक नहीं है तो उन्होंने इसके मरम्मत के लिए लगभग 96 लाख रुपए की लागत रखी और अब गोलघर की मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है।
क्यों हुआ था निर्माण
आपको बता दें कि सन 1786 में अंग्रेजो के द्वारा इससे अनाज भंडारण के लिए बनाया गया था।और इसे ब्रिटिश फौज के लिए अनाज सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया था।

इसके निर्माण में महस 30 महीनों का समय लगा था ,आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस ऐतिहासिक इस तरह निर्माण में केवल 30 महीने लगे थे उसकी मरम्मत में सरकार को लगभग 12 वर्ष लग गए।
गोलघर में क्या है विशेष
20 जनवरी 1784 को अंग्रेजो के द्वारा अनाज के भंडारण के लिए गोलघर का निर्माण शुरू किया गया और 20 जुलाई 1786 को इसे इसके निर्माण कार्य को पूरा कर लिया गया आपको बता दें कि लगभग 1,40 ,000 टन अनाज इसमें रखा जा सकता है। इसका निर्माण ब्रिटिश इंजीनियर जॉन गार्सिटन ने किया था।
आपको बता दें कि गोलघर की ऊंचाई 29 मीटर है और इसकी दीवार 3.6 मीटर मोटी है, इसके ऊपर 3 मीटर के पत्थरों का इस्तेमाल शिखर बनाने के लिए किया गया है और इसके साथ ही इसके ऊपर का व्यास 2.7 फीट है जहां से इसके अंदर अनाज डाला जाता था। इसमें 145 सीढ़िया है।

