अपनी प्राकृतिक सौंदर्य से पर्यटकों को लुभाएगा बिहार, राज्य सरकार ने तैयार की नयी इको टूरिज्म पॉलिसी

बिहार में टूरिज्म और खासतौर से इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार एक नई पालिसी पर काम कर रही है, मुख्यमंत्री नितीश कुमार खुद इस सम्बन्ध में काफी एक्टिव दिख रहे है। एक तरफ जहाँ इको टूरिज्म के विकास से राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी तो दूसरी तरफ स्थानियों लोगों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।

बैठक में दिया गया प्रेजेंटेशन

बीते दिन बुधवार को एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुख्यमंत्री के समक्ष पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से इको टूरिज्म पॉलिसी से संबंधित प्रेजेंटेशन दिया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर हमलोगों ने कई कदम उठाये हैं. प्रकृति से सामंजस्य रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि को टूरिज्म का प्रबंधन और मेंटेनेंस विभाग खुद करे. साथ ही विशेषज्ञों के साथ जाकर अधिकारी जमीनी मुआयना भी करें और वहां की परिस्थिति के अनुसार व्यावहारिक चीजों पर गौर करते हुए इको टूरिज्म के विकास पर काम करें। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार व चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार और विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे।

प्रकृति को किसी प्रकार से नुकसान न हो

मुख्यमंत्री ने इस बात पर खासा जोड़ दिया कि प्रकृति को किसी प्रकार से नुकसान न हो, क्षेत्र की जैव विविधता, परंपरागत ज्ञान और हेरिटेज को भी सुरक्षित रखना है. इससे पहले विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने प्रेजेंटेशन में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने को लेकर विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने इको टूरिज्म प्लान, इंप्लीमेंटेशन स्ट्रेटजी आदि के संबंध में जानकारी दी।

वाल्मीकिनगर की तारीफ़

चम्पारण के बाल्मिकीनगर टाइगर रिज़र्व को लेकर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वाल्मीकिनगर अपने आप में यूनिक जगह है. वहां एक तरफ गंडक नदी है, तो दूसरी तरफ वन और पहाड़ हैं. यह इको टूरिज्म का बेहतर स्थल बनेगा। वाल्मीकिनगर में एक कॉन्वेंशन सेंटर का निर्माण भी कराया जायेगा, जहां कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने में सहूलियत हो जायेगी।