Mukhyamantri Kishori Swasthya Yojana: बिहार की छात्राओं के स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार द्वारा एक सरकारी योजना (Sarkari Yojana) चलाई जाती है जिसका नाम है मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना।
इस बार बिहार में 9वीं से 12वीं तक की 60.5 प्रतिशत छात्राओं को इस योजना का लाभ मिलने वाला है। फिलहाल, इस योजना का लाभ देने की प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। आईये जानते है इसके बारे में।
किसे मिलेगा मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना का लाभ?
मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना का लाभ सराकरी स्कूल में नौंवी से 12वीं तक की पढ़ाई करने वाली बालिकाओं को दिया जाता है। योजना के तहत छात्राओं को सरकार की तरह से सालाना 300 रुपए की राशि दी जाती है। शिक्षा कार्यालय के साथ एनओसी दोनों ही स्तर पर योजना का लाभ दिया जाता है।

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राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के माध्यम से छात्राओं को उनके खाते में राशि भेजी जा रही है। यह राशि ऑनलाइन दी जाती है। वहीँ इस बार 28 लाख से अधिक छात्राओं को इस योजना का लाभ दिया जाना था।
लेकिन बिहार की सिर्फ 20 लाख छात्राएं ही इस योजना का लाभ उठाने के लिए योग्य है। इस योजना का सबसे कम लाभ 11वीं और 12वीं की छात्राओं को मिलने वाला है। क्योंकि इन दोनों कक्षाओं में 40 फीसदी छात्राओं को राशि मिलेगी।
इन छात्राओं को नहीं मिलेगा योजना का लाभ
बिहार की कुल 60.5 फीसदी छात्राओं को किशोरी स्वास्थ्य योजना का लाभ मिलने जा रहा है। लेकिन लगभग 40 फीसदी छात्राएं ऐसी है जो इस योजना का लाभ उठाने से वंचित रह जाएंगी।
दरअसल कई स्कूली छात्राओं का स्कूलों में 75 फीसदी उपस्थिति नहीं है, जिस वजह से 40 प्रतिशत छात्राओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
वहीँ इसके अलावा अगर छात्राएं किसी और योजना के तहत सेनेटरी पैड के लिए राशि ले रही है, तो उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। जानकारी के लिए आपको बता दें कि किशोरी स्वास्थ्य योजना के तहत छात्राओं को मिलने वाली राशि से उन्हें सैनेटरी पैड (Sanitary Pad) खरीदना है।
छात्राओं की जरुरतों को देखते हुए बिहार सरकार (Government Of Bihar) ने यह फैसला लिया है। छात्राओं को सैनेटरी पैड खरीदने के साथ ही उसकी रसीद स्कूलों में जमा की जाती है।
वहीं, अगर छात्राएं इस राशि से कोई और काम करती है तो उनपर कार्रवाई भी की जाएगी। ऐसे अभिभावकों की सूची भी तैयार की जाएगी। इसके साथ-साथ छात्राएं अगले साल भी इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएगी।
हर साल 2.3 करोड़ लड़कियां छोड़ देती है स्कूल
ज्ञात हो कि पीरियड्स के दौरान मेंस्ट्रुअल हाइजीन रखना बहुत ही जरुरी है। इस दौरान हाइजीन नहीं होना औरतों की मौत का दुनिया में पांचवा सबसे बड़ा कारण है। इसके अलावा हर साल 2.3 करोड़ लड़कियां सैनिटरी पैड नहीं होने की वजह से स्कूल छोड़ देती हैं।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार छात्राओं को किशोरी स्वास्थ्य योजना के तहत सेनेटरी पैड उपलब्ध कराती है। यह लड़कियों की जरुरत है। कई ऐसी छात्राएं थी जो माहवारी के कारण हर महीने कम से कम 3-4 दिन स्कूल नहीं जा पाती थी। जिस कारण उनकी पढ़ाई को काफी नुकसान होता था।
लेकिन, अब राज्य सरकार इस ओर ध्यान दे रही है। इसके अलावा स्कूलों में सहेली कक्ष का भी निर्माण किया गया है। सहेली कक्ष के निर्माण के बाद कई लड़कियों को कोई समस्या नहीं होती।
पीरियड के दौरान जरूरत पड़ने पर वह वहां कुछ देर आराम कर फिर से कक्षा में बैठ पाती है। इसके साथ ही, वहां लगे वेंडिंग मशीन में 1 रुपये के दो सिक्के डालकर सैनिटरी पैड भी ले सकती है।