बिहार के किसान ने बनाया मशरूम की खेती का आधुनिक प्लांट, रोजाना 15 टन होगा उत्पादन

बिहार में मशरूम की खेती अब धीरे धीरे आम होने लगी है, लगभग हर जिले में मशरुम की खेती होने लगी है और यही कारण है कि यहां से 21 हजार टन से अधिक मशरूम दूसरे प्रदेश में भेजा जा रहा है। इसी को देखते हुए बिहार के मुजफ्फरपुर में भी एक मशरूम की खेती का आधुनिक प्लांट शुरू किया गया जहाँ हर रोज प्रति दिन 15 से 20 टन मशरूम निकलेगा।

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर गांव निवासी शशिभूषण तिवारी में इस प्लांट को लगाया है जिसकी लागत उन्हें करीब 12 करोड़ की आई है। वे बताते है कि इस आधुनिक प्लांट में प्रति दिन 15 से 20 टन मशरूम निकलेगा। अगर मशरुम कि खेती अच्छे से की जाए तो किसानों (Farmers) को सीधे 50 फीसदी का मुनाफा हो सकता है।

जैविक मिश्रण तैयार करवाने में जुटे मशरूम उत्पादक शशिभूषण तिवारी (दाएं)। जागरण

दिल्ली में करते थे काम 

मुजफ्फरपुर निवासी शशिभूषण तिवारी दिल्ली के आजादपुर मंडी (Azadpur Mandi) में कई साल तक फल और सब्जी का काम करते थे लेकिन  उन्होंने अपने गांव में कुछ करने का फैसला किया। सबसे पहले उन्होंने मुर्गीपालन का काम शुरू किया था लेकिन मशरूम की खेती से इतने प्रभावित हुए कि हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र आदि में इसके कारोबार की जानकारी ली और फिर अपने गांव की लगभग 10 एकड़ में मशरूम उत्पादन का प्लांट लगा लिया।

इस प्लांट में कुल 6 चैंबर हैं और हर चैंबर के पास एक दिन में 15 से 20 टन तक मशरूम निकलने की क्षमता है,  इस प्लांट से लाखों की कमाई भी होगी। शशि भूषण बताते हैं कि इस प्लांट को तैयार करने में स्थानीय बैंक से लोन की मदद मिली। बिहार सरकार से भी बिजली के लिए सहयोग मिला और सचिव कृषि विभाग को मेल करने के कुछ दिनों में ही काम हो गया. अब पहली फसल 2 अगस्त से निकलने वाली है।

Shashibhushan Tiwari of Muzaffarpur is teaching free tricks of mushroom cultivation

नेपाल की कंपनी से किया करार

शशि भूषण के मुताबिक इस प्लांट से सीधे तौर पर 50 लोगों को रोजगार मिल रहा है. जहां तक मशरूम को बेचने की बात है तो इसके लिए नेपाल की एक कंपनी से एग्रीमेंट हुआ है. रोजाना निकलने वाले मशरूम को रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज भी तैयार है. इसलिए दाम अच्छा मिलने की उम्मीद है.

मशरूम वैज्ञानिक की देखरेख में तैयार हुआ है प्लांट

प्लांट को तैयार करते वक्त डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मशरूम वैज्ञानिक डॉ. दयाराम को भी सम्मलित किया गया था और उनके ही देखरेख में इस पुरे प्लांट को तैयार किया गया है, हर रोज वह वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए खेती का जायजा ले रहे है ताकि कोई समस्या आये तो उसे निपटाया जा सके। आपको बता दे कि डॉ. दयाराम बिहार के मशरूम मैन कहे जाते हैं. वो कहते हैं कि आधुनिक मशीनों से सुसज्जित इस प्लांट से जब एक दिन में जब 20 टन तक मशरूम निकलेगा तो वह सबसे शानदार होगा. वो बताते हैं कि अब यह खेती नही बल्कि उद्योग बन गया है।