Mini Shimla of Bihar: यह जगह है बिहार का मिनी शिमला! शर्दियों में जरूर बना ले घूमने की प्लानिंग

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Mini Shimla of Bihar: यह जगह है बिहार का मिनी शिमला! शर्दियों में जरूर बना ले घूमने की प्लानिंग
Mini Shimla of Bihar: यह जगह है बिहार का मिनी शिमला! शर्दियों में जरूर बना ले घूमने की प्लानिंग

Mini Shimla in Bihar: बिहार में धीरे धीरे पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है और राज्य में मौजूद बेहद ही खूबसूरत और आनंदायक जगहों को लोग एक्स्प्लोर कर रहे है।

ऐसे में आज के इस पोस्ट में हम आपको बिहार के मिनी शिमला के बारे में बताने जा रहे है जो सर्दियों के मौसम में आपके लिए एक मस्ट विजिट डेस्टिनेशन है। तो चलिए विस्तार से जानते है –

वैसे तो आप किसी से बिहार में घूमने फिरने वाली जगहों के नाम पूछे तो वह राजगीर, नालंदा और गया जैसे जगहों के ही नाम गिना पाए लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इन जगहों के अलावे भी बिहार में बहुत कुछ है जिसे आप एक्स्प्लोर कर सकते है।

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यह है बिहार का मिनी शिमला

इन्हीं छुपे हुए खजाने में एक है बिहार का बेहतरीन हिल स्टेशन जमुई। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं, बिहार में स्थित जमुई जिले की वन्य क्षेत्रों से घिरी हुई जगह की जहाँ आपको बिलकुल किसी हिल स्टेशन जैसा भी फील होने वाला है।

इसी जिले में स्थित सिमुलतला को बिहार का मिनी शिमला भी कहा जाता है, यहां तीन सौ से ज्यादा कोठियां हैं। एक समय था कि जब यहां देश की कई नामचीन हस्तियां रुख करती थी ।

 

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प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर

सिमुलतला हिल स्टेशन एक बेहद ही लोकप्रिय टूरिस्ट स्पॉट है। यह आसपास की पहाड़ियों, हरी-भरी हरियाली और सुहावने मौसम का मनमोहक नजारा पेश करता है।

यह हिल स्टेशन अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी फेमस है और आराम करने और प्रकृति का मजा लेने के लिए एक शानदार जगह है।

कहते हैं सर्दी के मौसम में प्रसिद्ध हस्तियां सपरिवार यहां प्रवास कर स्वास्थ्य लाभ के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्यता का आनंद लेते थे। कई कोठियों में गुलाब फूल की बगिया लोगों को अपनी ओर खींच लेता था।

बेहद खास है गिद्धेश्वर

जमुई जिला मुख्यालय से केवल 12 किमी दूर गिद्धेश्वर वन्य क्षेत्र स्थित है, जो हजारों एकड़ में फैला हुआ है। यहां की हसीन वादियां और जंगल की सुंदरता किसी भी हिल स्टेशन को मात दे सकती है।

गिद्धेश्वर वन्य क्षेत्र के बीच में स्थित गरही डैम की खूबसूरती प्रकृति प्रेमियों को काफी लुभाती है, इसी क्षेत्र में कई झरने भी है जिनमें से एक है पंचभूर झरना, जहां एक साथ गर्म और ठंडे पानी झरना देख सकते हैं।

रामायण काल से जुड़ा है इतिहास

आपको बता दे कि गिद्धेश्वर जंगल का संबंध रामायण काल से भी है। लोगों का कहना है कि जब रावण मां सीता का हरण कर पुष्पक विमान के मार्ग से ले जा रहे थे, तब जटायु से उसकी मुठभेड़ हो गई थी और उनका एक पंख कटकर इसी पर पर्वत पर जा गिरा था।

पहाड़ की चोटी पर लोगों द्वारा जटायु मंदिर भी बनवाया गया था। गिद्ध और ईश्वर को मिलाकर इस पर्वत का नाम गिद्धेश्वर रखा गया है।