बिहार के इस मंदिर में मुफ्त में होती है शादियां, 10 सालों से जारी है दहेज़ उन्मूलन की अनूठी पहल

Marriages are held for free in this temple of Bihar

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार समाज से दहेज प्रथा को मुक्‍त करने का आह्वान किया जा चुका है। इसके लिए वर्ष 2017 से उन्होंने अभियान भी चलाया। मुख्यमंत्री दहेजवाली शादी का बहिष्‍कार करने की भी अपील लगातार कर रहे हैं।

राज्य सरकार की सामाजिक कुरितयों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान को लखीसराय जिले में सफल बनाने की पहल की जा रही है। बिहार के बाबाधाम के रूप में विख्यात अशोकधाम मंदिर में पिछले 10 वर्षों से दहेजमुक्त विवाह समारोह का आयोजन हो रहा है।

लखीसराय क्षेत्र अंतर्गत श्री इन्द्रदमनेश्वर महादेव मंदिर अशोकधाम ट्रस्ट बाल-विवाह, दहेज उन्मूलन की अनूठी और कारगर पहल कर रहा है।

अशोकधाम मंदिर में बजेगी बिना दहेज वाली शादी की शहनाई

अशोकधाम मंदिर परिसर में हर वर्ष की तरह इस बार भी बुधवार 11 मई को दहेज मुक्त विवाह समारोह का आयोजन किया गया है। श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव ट्रस्ट विगत 10 वर्षों से यह कार्य कर रहा है।

Shehnai of marriage without dowry will be played in Ashokdham temple
अशोकधाम मंदिर में बजेगी बिना दहेज वाली शादी की शहनाई

इसके तहत बगैर दहेज लड़कियों का सामूहिक विवाह कराकर समाज के कमजोर लोगों को न सिर्फ मदद पहुंचाया जा रहा है बल्कि यह दहेज उन्मूलन की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।

इस मंदिर में अबतक 700 गरीब परिवार की बेटियों की शादी ट्रस्ट करा चुकी है। इस बार 11 मई को मंदिर स्थित संस्कार भवन में 32 जोड़े को सामूहिक रूप से विवाह बंधन में बंधा जाएगा।

मंदिर ट्रस्ट कर रही दहेज उन्मूलन की पहल

विवाह आयोजन समिति के संयोजक राजेंद्र प्रसाद सिंघानियां, मंदिर ट्रस्ट के सचिव डा. श्याम सुन्दर प्रसाद सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि सामूहिक विवाह का मुख्य उद्देश्य विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन एवं फिजूलखर्ची को खत्म करना है।

Dowry-free marriage ceremony is being organized for the last 10 years in Ashokdham temple, known as Babadham of Bihar
बिहार के बाबाधाम के रूप में विख्यात अशोकधाम मंदिर में पिछले 10 वर्षों से दहेजमुक्त विवाह समारोह का आयोजन हो रहा है

साथ ही गरीब परिवारों की बेटियों की ऐसी शादी कराना जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। शादी के बाद वर वधू के दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना के लिए सभी प्रकार की आवश्यक सामग्री भी ट्रस्ट द्वारा मुफ्त में दी जाती है।

गृहस्थ जीवन का लेते है संकल्प

भोलेनाथ के दरबार में सामूहिक विवाह के कार्यक्रम में परिणय सूत्र के बंधन में बंधे नवदंपतियों को विद्वान पंडितों द्वारा परिवार, समाज, वैवाहिक जीवन के महत्व के बारे में बताया जाता है तथा इसके लिए भगवान श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव को साक्षी मानकर सामूहिक शपथ दिलाई जाती है।

विदाई में कपड़े, बर्तन व मिठाई की मिलती भेंट

विवाह बंधन में बंधे सभी वर वधू को पहनने के लिए नए कपड़े, जूते, चप्पल, घड़ी, कन्या को चांदी का आभूषण, चदरे का बक्शा, तोशक, तकिया, चादर से लेकर मिठाई का पैकेट देकर विदाई की जाती है। ये सभी सामान मंदिर ट्रस्ट द्वारा मुफ्त में दिया जाता है।

इसके अलावे वर-वधु पक्ष के लोगों को ट्रस्ट द्वारा भोजन भी कराया जाता है। इस बार भी जिले के विभिन्न प्रखंड़ों के महादलित, पिछड़ी जाति, अतिपिछड़ा वर्ग के 32 गरीब पिता ने अपनी लाडली के हाथ पीले कराने के लिए ट्रस्ट से निबंधन कराया है।