KK Pathak New Order: बिहार में शिक्षा व्यवस्था सुधारने को लेकर अपर मुख्य सचिव के के पाठक के द्वारा पिछले कुछ महीनो से नए-नए फरमान जारी किए जा रहे हैं| इसी कड़ी में सचिव महोदय ने नया फरमान जारी करते हुए बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 1 लाख से अधिक बच्चों का नाम काटने का आदेश दिया है|
केके पाठक ने जब से बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभाला है तब से एक के बाद एक डाबर तोड़ सकते फैसला ले रहे हैं| इनके द्वारा सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था करने को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है|
नाम काटने का मुख्य कारण
खास तौर पर देखा जाए तो सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति पर भी केके पाठक का नजर बना हुआ है इसी को देखते हुए उन्होंने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि स्कूल नहीं आने वाले छात्र-छात्राओं के नाम काट दिए जाएं|
इस आदेश का असर अब बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में दिखने लगा है जानकारी के लिए आपको बता दे कि अब तक एक लाख से भी अधिक बच्चों के नाम स्कूल के रिकॉर्ड के हटा दिए गए है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो जिस पर विद्यार्थी का हाजरी स्कूल में बेहद कम है या फिर वह एडमिशन के बाद क्लास गए ही नहीं है तो वैसे छात्र-छात्राओं का नाम काट दिया जा रहा है।
इन छात्रों के घर जाएगी नोटिस
बिहार शिक्षा विभाग के द्वारा जिला को निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि स्कूल नहीं आने वाले विद्यार्थियों का नाम स्कूल से जल्द से जल्द काटा जाए। यदि विद्यार्थी तीन दिनों तक लगातार स्कूल नहीं आते हैं तो उनके अभिभावकों को नोटिस भेजने का आदेश जारी किया गया है।
सबसे जरूरी विद्यार्थी अगर लगातार 15 दिनों तक स्कूल नहीं पहुंचे तो बिना कोई सुनवाई के उसका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा, यही सब कारण है कि अब जिले में कार्रवाई का दौर शुरू हो चुका है और बच्चों के नाम काटना भी शुरू हो गया है।
बढ़ेगा आंकड़ा
के लिए आपको बता दे की एक लाख का आंकड़ा केवल 13 सितंबर तक का था। मीडिया रिपोर्ट्स और एक्सपर्ट की माने तो यह आंकड़ा आने वाले दिन में और भी बढ़ सकता है। जानकारी के लिए आपको बता दे कि इस आकड़ा में बिहार के चार जिलों का जिक्र अभी तक नहीं किया गया है।
बताते चले की 2 सितंबर को हुए शिक्षा विभाग के बैठक के बाद मुख्य सचिव के पाठक के द्वारा जिला अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किया गया था। निर्देश में कहा गया था जो भी बच्चे 15 दिनों तक स्कूल नहीं आए उनकी एक सूची तैयार की जाए और उनका नाम स्कूल के रिकॉर्ड से हटा दिया जाए।
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