कच्ची दरगाह-बिदपुर पुल का काम इतने महीने में होगा पूरा, 5 हजार करोड़ की लागत वाले ब्रिज है ये खासियत
कच्ची दरगाह से बिदपुर के बीच बन रहे छह लेन पुल का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है, बीते दिनों पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इस निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण किया। केबल पर टिका हुआ (केबल स्टेयड) यह देश का सबसे लंबा पुल है। मंत्री ने पुल के निर्माण की गति को संतोषजनक बताया और कहा कि इसे जून 2023 तक पूरा कर लिया जाए।
मालूम हो कि लगभग 20 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण बिहार राज्य पथ विकास निगम करा रहा है। यह एलिवेटेड सड़क के रूप में बन रहा है जो पुल को एनएच-30 से जोड़ेगा। पुल का डिजाइन कोरिया की कंपनी सीएसटीएन ने तैयार किया है। देबू और एलएनटी कंपनी का संयुक्त उपक्रम इस पुल को बना रहा है। केंद्र से पैसा नहीं मिलने के कारण राज्य सरकार अपने पैसे से इसे बना रही है। पांच हजार करोड़ की इस योजना में लगभग तीन हजार करोड़ एशियन डेवलपमेंट बैंक से कर्ज के रूप में मिलेगा।
ये होगी खासियत
- 06 लेन की यह ब्रिज गंगा नदी पर बन रही है
- पुल व एप्रोच रोड की लंबाई 19.6 किलोमीटर है
- केवल पुल की लंबाई 9.76 किलोमीटर है
- 4998.40 करोड़ खर्च कर बनेगा यह पुल
- 10 मीटर हाई फ्लड लेबल से ऊंचा होगा पुल
- 16 जनवरी 2017 को पुल निर्माण हुआ शुरू
- जून 2023 तक पुल बनाने का है लक्ष्य
इस पुल के निर्माण होने के बाद से गाँधी सेतु पर से दबाव काफी काम हो जाएगा, उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिए एक नई राह बन जाएगी। नया पुल बनने के बाद सिर्फ छोटे वाहनों के लिए ही मौजूदा महात्मा गांधी सेतु को उपयोग में लाया जा सकेगा। पटना में यह पुल एनएच-30 को जोड़ेगा। बिदुपुर में आगे बढ़कर यह हाजीपुर-मुजफ्फरपुर सड़क में मिल जाएगा। बिहार-नेपाल को जोड़ने वाली सड़क में भी यह पुल जुड़ेगा जिससे पटना से नेपाल की दूरी कम हो जाएगी।
बता दे कि वैशाली जिले में यह पुल एनएच-103 पर चकसिकंदर में ख़त्म होगा जिससे पश्चिम से आने वाले लोग पटना-बक्सर फोर लेन से खेमनीचक होते हुए इस पुल से उत्तर बिहार आ-जा सकेंगे। सोनपुर, समस्तीपुर, हाजीपुर सहित उत्तर बिहार के अन्य शहर व दक्षिण बिहार के शहरों के बीच की दूरी कम हो जाएगी।

