लीची के बाद अब देश के कोने कोने में फेमस होगा ‘बिहारी सेब’, किसान ने की नए प्रकार की खेती

harman 99 apple farming in aurangabad bihar

आपको यह सुन कर आश्चर्य हो रहा होगा की क्या बिहार में सेब की खेती संभव है? क्योंकि यह फल ठण्ड मौसम का है। लेकिन बिहार के औरंगाबाद के एक किसान ने ऐसा कमाल कर दिखाया है। इनके लगाए गए पेड़ों पर अब फल आना भी शुरू हो चूका है। आईये जानते है इनकी कहानी…………….

सालों पहले लोग इस इलाके में जाने से थरथराते थे, क्योंकि यह क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। लेकिन आज उसी पहाड़ के खोह में बंजर भूमि को एक किसान ने जिला प्रशासन के सहयोग से हरा भरा कर दिखाया है। पूरा मामला बिहार के औरंगाबाद के कुटुंबा प्रखंड का है जहां के किसान ब्रजकिशोर मेहता ने सेब की खेती शुरू की है।

लोग ले पाएंगे ‘बिहारी सेब’ का आनंद

किसान ब्रजकिशोर द्वारा लगाए गए सेब के पौधों पर छोटे-छोटे फल भी आ गए हैं। हालाँकि फल अभी हरे और कच्चे हैं। जैसे ही पककर तैयार हो जाएंगे, वैसे ही लोग इस बिहारी सेब का आनंद ले सकेंगे।

आपको बता दे की औरंगाबाद का कुटुंबा प्रखंड झारखंड और बिहार के बॉर्डर इलाके में पड़ता है। यह वही इलाका है जो वर्तमान समय में बिहार में स्ट्रॉबेरी की खेती का हब बना हुआ है।

यहीं के रहने वाले ब्रजकिशोर मेहता ने सेब की खेती शुरू की है। फिलहाल उनकी खेती अभी प्रायोगिक स्टेज में ही है। मेहता ने दो कट्ठा खेत में सेब के लगभग 100 पेड़ लगाए हैं।

मौसम के विरुद्ध सेब की खेती

औरंगाबाद की गिनती गया के बाद बिहार के सर्वाधिक गर्म जिले के रूप में की जाती है। औरंगाबाद के सिरिस स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. अनूप चौबे बताते हैं कि – “गर्म प्रदेश सेब की खेती के लिए अनुकूल नही होते हैं।”

Aurangabad apple farmer Brajkishore Mehta
औरंगाबाद के सेब किसान ब्रजकिशोर मेहता

इसके बावजूद कृषि वैज्ञानिकों ने सेब की कुछ अलग तरह की किस्में विकसित की हैं। इन किस्मों की खेती सामान्य इलाकों में भी की जा सकती है। लेकिन ऐसी खेती के लिए बहुत अधिक श्रम और मजदूरी की आवश्यकता होती है। औरंगाबाद की खेती में भी हमें कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है।

45 डिग्री तक तापमान सहने में सक्षम हरमन-99 किस्म के सेब

कुटुंबा प्रखंड के चिल्हकी बिगहा में सेब के हरमन-99 किस्म की खेती की जा रही है। इस प्रजाति के सेब की यह खासियत है कि है कि इसे गर्म मौसम में भी उगाया जा सकता है।

हरमन-99 किस्म के सेब के पौधे 45 डिग्री तक तापमान सहन करने में सक्षम हैं।  यह 3 साल के अंदर फल देना शुरू करता है। इसके एक पौधे से तीन साल बाद 25 से 30 किलो सेब की फसल प्राप्त होती है।

यहां सेब की खेती करने वाले किसान ब्रजकिशोर मेहता बताते हैं कि – “उन्होंने समस्तीपुर के पूसा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र जाकर ट्रेनिंग ली थी। फिर जिला उद्यान कार्यालय की ओर से उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। वहां उन्होंने गर्म मौसम में भी सेब की खेती करने की बारीकियां सीखीं।”

सब्सिडी पर मिले सेब के पौधे

ट्रेनिंग के बाद उद्यान विभाग ने ही उन्हें सब्सिडी पर सेब के हरमन-99 किस्म के पौधे भी उपलब्ध कराए। मेहता ने बताया कि सेब के 100 पौधे खरीदने में 10 हजार रुपये खर्च हुए। 2 साल की देखभाल और सेवा करने के बाद अब पौधे में फल आ गए हैं।

अब वें चाहे तो इन फलों को पकने के बाद बाजार से अच्छी कमाई प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं क्योंकि अभी कच्चे फलों को तोड़ा जा रहा है।

Apple cultivation started in Aurangabad, Bihar
बिहार के औरंगाबाद में शुरू हुई सेब की खेती

इस बारे में मेहता कहते हैं कि – “पौधों को मजबूती देने के लिए फलों को कच्ची अवस्था में ही तोड़ देना जरूरी है। ऐसा करने से अगली बार फल भी ज्यादा आएंगे और पौधे भी मजबूत होंगे।”

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किसान 25 साल तक कर सकते हैं कमाई

सेब की खेती को सफल कर दिखने वाले किसान ब्रजकिशोर मेहता ने कहा कि – “वे जिस हरमन-99 किस्म के सेब की खेती कर रहे हैं, उसके पौधे की उम्र 25 से 30 साल की होती है। इस अवधि तक ये पौधे फल देते रहते हैं।”

यानी कि एक बार खेती शुरू करने के बाद किसान 25 साल तक कमाई कर सकते हैं। अन्य फसलों की तरह उन्हें हर साल नए पौधे या बीज लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तरह किसान को एक बार मोटा निवेश करना है, फिर हर साल उसका मुनाफा प्राप्त होता रहेगा।

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