बिहार से गुजरेंगे ये शानदार 4 एक्सप्रेस-वे, 28 जिलों के विकास को मिलेगी रफ़्तार, जाने रूट प्लान
बिहार के विकास को एक नए स्तर तक ले जाने के लिए राज्य में चार शानदार एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है, इन एक्सप्रेस वे को बनाने के पीछे का उदेश बिलकुल साफ़ है। देश के पूर्वी क्षेत्र का विकास।
पहला एक्सप्रेसवे औरंगाबाद से जयनगर के बीच एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है जबकि दूसरा एक्सप्रेस-वे रक्सौल से पटना होते हुए कोलकाता तक का होगा। तीसरे एक्सप्रेस वे की बात करें तो वह बक्सर से भागलपुर के बीच प्रस्तावित है वहीं आखरी एक्सप्रेस वे के रूप में गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच का प्रस्ताव है।
बिहार के 38 में से लगभग 28 जिले इन इन चारों एक्सप्रेस वे से सीधे सीधे तौर पर जुड़ जायेंगे, तो हम नजर डालते हैं बिहार के इन चारों एक्सप्रेसवे के रूट प्लान पर और जानते है कि आखिर ये किन-किन जिलों से होकर गुजरेगा।
औरंगाबाद जयनगर एक्सप्रेसवे
औरंगाबाद के मदनपुर से शुरू होने वाली ये फोरलेन सड़क गया एयरपोर्ट के बगल से होते हुए जीटी रोड को भी संपर्कता प्रदान करेगी, गया से ये जहानाबाद और नालंदा के बॉर्डर से गुजरते हुए पटना में कच्ची दरगाह में आएगी।
पटना के कच्ची दरगाह से वैशाली के बिदुपुर के बीच गंगा नदी पर शानदार 6 लेन पुल का निर्माण हो रहा है जो फिर आगे चकसिकंदर, महुआ के पूरब होते हुए ताजपुर जाएगी। यह रास्ता दरभंगा एयरपोर्ट के समीप से गुजरते हुए जयनगर में समाप्त होगी। औरंगाबाद से जयनगर तक की यह सड़क 271 किलोमीटर लंबी होगी. ये सड़क पटना सहित प्रदेश के 6 जिलों से होकर गुजरेगी।
इस सड़क के निर्माण के बाद बिहार की राजधानी पटना का गया और दरभंगा से सीधा संपर्क हो जायेगा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल को ताजपुर तक जोड़ने को कहा है। इस तरह फोरलेन बनने वाली यह सड़क पटना के अलावा औरंगाबाद, जहानाबाद, वैशाली व मधुबनी से होकर गुजरेगी।
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे
नेपाल सीमा पर स्थित बिहार के रक्सौल से हल्दिया तक रज्य का दूसरा एक्सप्रेस-वे छह से आठ लेन का होगा, बिहार के इस दूसरे एक्सप्रेस-वे का निर्माण अगले साल से शुरू होगा।
लगभग 695 किलोमीटर लम्बे इस सड़क को बनाने में 54 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे, इसे पूरा करने के लिए 2024-25 का लक्ष्य रखा गया है। बता दे कि है रक्सैल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे पूरी तरह ग्रीनफील्ड होगा और इसमें बीच में नहीं चढ़ा जा सकेगा।
मिली जानकारी के मुताबिक यह एक्सप्रेस वे बिहार के नौ जिलों से होकर गुजरेगी, इनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सारण, पटना, बिहारशरीफ, शेखपुरा, जमुई और बांका शामिल हैं। इसके बाद यह एक्सप्रेस-वे झारखंड में प्रवेश कर सरैयाहाट, नोनीहाट व दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से हल्दिया पोर्ट चला जाएगा।
बक्सर- भागलपुर एक्सप्रेसवे
बिहार का तीसरा एक्सप्रेस-वे बक्सर से भागलपुर तक बनेगा, अभी बक्सर से दिल्ली तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को ही भागलपुर को जोड़ा जाएगा. इसकी लंबाई 350 किलोमीटर होगी। इस एक्सप्रेस-वे का जुड़ाव गंगा में बने सभी पुलों से भी होगा जिससे राज्य की सड़क सम्पर्कता में भी वृद्धि होगी. बिहार के बक्सर, भागलपुर और पटना के बाद इसमें बिहार का भागलपुर भी जुड़ जाएगा।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेस वे बिहार के लगभग 10 जिलों से होकर गुजरेगी, बताया गया है कि केंद्र सरकार के तरफ से एक्सप्रेस-वे के निर्माण की सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। ऐसे में पथ निर्माण विभाग बहुत ही जल्द सड़क के निर्माण की प्रक्रिया को शुरू करेगा।
गोरखपुर- सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे सबसे पहले गोपालगंज में प्रवेश करेगा, इसके बाद सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी जाएगा।
इस एक्सप्रेस वे से उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल के बीच आवागमन आसान करेगा इसके साथ ही इन राज्यों के बीच व्यापार के नए रास्ते भी खुलेगा। बताते चले कि इस एक्सप्रेस-वे का पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा।

