ये है पटना के फेमस शिव मंदिर, लगती है भक्तों की भीड़, जानिए इनकी अद्भुत कहानी

famous Shiv Temples Of Patna

बिहार में महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है। शिवरात्रि पर मंदिरों में शिव भक्तों का तांता लगा रहता है। पटना के तिलेश्वरनाथ मंदिर में हर साल शिवलिंग का आकार बढ़ता है।

Story of Patnas Shiva Temples on Mahashivaratri
महाशिवरात्रि पर पटना के शिव मंदिरों की कहानी

पित्तल महादेव मंदिर में हर साल नाग देवता के दर्शन होते हैं। महाशिवरात्रि पर पटना के 6 शिव मंदिरों की कहानी जानिए…

हरमंदिर गली शिव मंदिर

यह शिव मंदिर तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के गर्भ में स्थापित है। इस मंदिर में जाने के रास्ता हरमंदिर गली से है। इस मंदिर के उत्तर, दक्षिण और पश्चिम यानी तीनों तरफ से गुरुद्वारा की दीवार है और एक तरफ हरमंदिर गली है।

Shiva temple is established in the womb of Harmandir Ji Patna Sahib
हरमंदिर जी पटना साहिब के गर्भ में स्थापित है शिव मंदिर

हरमंदिर गली के निवासी राजा सिंह ने बताया कि यह मंदिर लगभग पांच सौ वर्ष पुरानी है। इस मंदिर का निर्माण धौलपुर पत्थर से हुआ है। मंदिर परिसर में मां पार्वती, जगदम्बा की प्राचीन काले पत्थर की मूर्ति है।

गौरी शंकर मंदिर

पटना के गाय घाट के पास स्थित गौरी शंकर मंदिर को लेकर मान्यता है कि यह मंदिर एक शक्तिपीठ मंदिर है। मंदिर के पुजारी गौरी शंकर झा ने बताया कि जिस शिवलिंग की यहां पूजा की जाती है वह प्रतिमा किसी के द्वारा स्थापित नहीं की गई, बल्कि खुद-ब-खुद जमीन से प्रकट हुई थी।

Gauri Shankar Temple near Gai Ghat, Patna
पटना के गाय घाट के पास स्थित गौरी शंकर मंदिर

अंग्रेजों ने इस प्रतिमा को ध्वस्त भी करना चाहा। इसके लिए अंग्रेजों ने शिवलिंग पर तीन गोलियां भी चलाई। तीन में से दो गोली शिवलिंग को चीरते हुए निकल गई और एक गोली आज भी उनके मस्तक में लगी हुई है।

तिलेश्वर नाथ मंदिर

पटना सिटी के प्राचीन मंदिरों में से एक तिलेश्वर नाथ मंदिर लगभग 4500 साल पुराना मंदिर है। चौक के पास गुरु गोविन्द सिंह पथ पर स्थित इस मंदिर में स्वत: निकले शिवलिंग के पूरे शरीर में तिल है, जिसके कारण इस मंदिर का नाम तिलेश्वर नाथ मंदिर पड़ा।

मंदिर की पुजारिन गीता देवी की माने तो यह शिवलिंग काफी छोटे आकार में थे। हर शिवरात्रि एक-एक तिल अपने आप बढ़ रहा है जिसके कारण शिवलिंग का आकार भी बढ़ता जा रहा है।

Shivling grows from the size of mole
तिल के आकार से बढ़ता है शिवलिंग

तिल के समान बढ़ते-बढ़ते शिवलिंग आज बड़े आकार में है। वहीं, शिवलिंग के मस्तक पर अपने आप चंद्रमा बन रहा है।

खाजपुरा शिव मंदिर

1935 में खाजपुरा शिव मंदिर की स्थापना की गई थी जिसे खाजपुरा के ग्रामीण लोगों ने बनवाया था। इसका वर्तमान स्वरूप 1997 का है। इसमें दो तल है। गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है और दूसरे तल में मां अन्नपूर्णा, बजरंगबली आदि देवी-देवताओं की मूर्ति है।

Khajpura Shiv Temple
खाजपुरा शिव मंदिर

जो भी नव दांपत्य लोग यहां शादी के लिए आते हैं वह सबसे पहले महादेव के दर्शन करके हो विवाह बंधन में बंधते हैं। इस मंदिर में हर साल भव्य महाशिवरात्रि का आयोजन किया जाता है और झांकियां निकाली जाती है।

अलखिया बाबा मंदिर

अलखिया बाबा मंदिर अशोक राजपथ के बीएनआर रोड में स्थित है। इस मंदिर से जुड़ी प्रचलित कथा के अनुसार 1863 ईसवी में पाटलिपुत्र के एक अज्ञात दम्पति को संत ज्वाला गिरी जी महाराज (अलखिया बाबा) की कृपा से बेटा हुआ था।

खुश होकर दम्पति ने उन्हें अपने निवास स्थान पर आने का निमंत्रण दिया। बाबा ने कहा कि वह किसी के यहां नहीं जाते और न ही उसके यहां का कोई भोजन ग्रहण करते हैं। फिर दंपति ने कहा की वह घर के स्थान से अलग स्थान देंगे।

Alakhia Baba Temple
अलखिया बाबा मंदिर

एक दिन जब बाबा पटना आए और दंपति को जब पता चला तो उन्होंने बीएनआर, त्रिपोलिया रोड में जमीन दान में दे दी। शुरुआत में संत ने उस जमीन पर कुटिया बनाई और वहां कुछ दिन तक रहा।

फिर जब बाबा प्रस्थान करने लगे तो उन्होंने कहा कि वह यहीं रहे और अपने कर कमलों से एक मंदिर स्थापित करें। बाबा फिर नर्मदा घाटी से नर्मदेश्वर शिवलिंग लाए ओर फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी को यहां इसकी स्थापना की।

पित्तल महादेव मंदिर

पित्तल महादेव मंदिर पटना सिटी के झाऊगंज में स्थित है।इस मंदिर की देखभाल करने वाली रेखा देवी ने बताया कि इस मंदिर में नागपंचमी के दिन हर साल श्रृंगार के दौरान एक नाग कहीं न कहीं से आकर दर्शन देते है।

Pital Mahadev Temple
पित्तल महादेव मंदिर

विदेश से आए लोग इस शिवलिंग को ले जाने की कोशिश भी किए पर नाकामयाब रहे। पीतल का बना होने के कारण इस मंदिर का नाम पित्तल महादेव मंदिर पड़ा।