अंग्रेज जमाने के कबाड़ बसों में बनेगा डिजिटल लाइब्रेरी, विद्यार्थियों को मिलेगी सारी सुविधा
पढ़ाई करने का जुनून हर बच्चे में होता है बस जरूरत होती है तो बढ़िया ढंग के सुविधा की अगर अच्छे से बच्चे को मार्गदर्शन मिले तो वह अच्छी तरीके से पढ़ाई कर सफल इंसान बनता है बस कुछ ऐसा ही काम किया जा रहा है बिहार के पूर्णिया जिले में
जिले के बच्चे अब बस में बैठ कर पढ़ाई करेंगे.पूर्णिया के बिहार बाल भवन किलकारी में पुराने जमाने के कबाड़ बसों को डिजिटल लाइब्रेरी बनाया जाएगा.जिसमें अत्याधुनिक सेवाओं से रहेगा. लेस जिसमें डिजिटल तकनीकी सहित दुनियाभर की किताबें रहेंगी|
यह एक ऐसी डिजिटल लाइब्रेरी होगी जो शांत वातावरण में होगा. काफी आकर्षित का केंद्र भी होगा. छात्रों को इस डिजिटल लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जाहिर सी बात है यदि सारी किताबें बच्चों को समय पर मिलेगी तो पढ़ाई का अच्छा होना लाजमी है|
पुराने से पुराने बसों मैं बनेगा डिजिटल लाइब्रेरी
जानकारी देते हुए बिहार बल भवन किलकारी पूर्णिया के प्रमंडल समनव्यक रवि भूषण मुकुल ने कहापूर्णिया के बिहार बाल भवन किलकारी में अंग्रेजों के जमाने मे रखें बेकार कबाड़ बसों को पूर्णिया किलकारी के द्वारा डिजिटल लाइब्रेरी के रूप देने की तैयारी में जुटे हैं.

एक मीडिया इंटरव्यू में रवि भूषण मुकुल ने कहा कि सभी पुराने पुराने जवानों के बसों को कबाड़ से खरीद कर उसमें डिजिटल लाइब्रेरी बनाने के काम करेगी हमारी टीम
लाइब्रेरी में मिलेगी हर तरह की सुविधा
रवि भूषण मुकुल ने बताया की पूर्णिया के लिए एक अजब गजब का डिजिटल लाइब्रेरी होगी. जो पूर्णिया में आकर्षक का केंद्र बनेगा.साथ ही साथ इस डिजिटल लाइब्रेरी की खासियत इसमें अत्याधुनिक सेवाओं से लैस होगा

उन्होंने कहा या डिजिटल लाइब्रेरी किलकारी भवन के प्रांगण में रखा जाएगा.जहां शांत वातावरण और शांत माहौल में छात्र पढ़ सकेंगे. साथ ही साथ इस डिजिटल लाइब्रेरी में अनोखे अंदाज से पढ़ाई होगी. तो वही दुनिया भर की तमाम किताबें भी उपलब्ध रहेगा.

जिसका भी मन हो पढ़ने का वह पड़ सकता है
इस डिजिटल लाइब्रेरी से वैसे बच्चे ज्यादा आकर्षित होंगे जो बच्चे पढ़ने के नाम पर बहाने बनाते हैं.उन बच्चों के लिए यह विशेष कर ज्यादा फायदा देगा. उन बच्चों को यह डिजिटल लाइब्रेरी में पढ़ने में ज्यादा मन लगेगा|


