बिहार के ग्रामीण क्षेत्र का यह आदमी डेयरी के बिजनेस से हुआ मालामाल! गाँव में ही बनाया मिल्क हब, समझिये पूरा प्लान
गाँव में रहने वाले लोगो के पास खेती तो होती है। इसके साथ ही वह पशुओं को भी पालते है। जिससे उन्हें अधिक आमदनी हो। गाँव में लोग गाय को पाल कर उनके दूध को बेचने के लिए डेयरी फार्म खोलते है। और इस बिज़नेस से लाखो रूपये तक कमाते है। भारत के साथ साथ बिहार में भी यह बहुत अच्छा व्यवसाय है।
आजकल के युवा अपनी नौकरी छोड़ कर पुरखो के बिज़नेस को आगे बड़ा कर लाखो रुपये तक कमाते है। आज हम आपको बिहार के गाँव के शख्स के बारे में बताएँगे जो 10 सालो से गाय को पाल कर डेयरी का बिज़नेस कर रहे है। तो चलिए जानते है इनके बारे में…..
हम बात कर रहे है पूर्णिया शहर के लड़के की जिसका नाम नवीन यादव है यह कसबा के मोहनिया गांव में रहते है। नवीन यादव जी ने 10 साल से गाय को पाल कर डेयरी फार्म के बिज़नेस से अपनी अलग ही पहचान बनायीं है। और साथ ही साथ बहुत से लोगो को रोजगार भी दे रहे है। नवीन यादव को डीएम कुंदन कुमार जी ने मिल्क नेटवर्क प्रोजेक्ट इनीशिएटिव के साथ भी जोड़ा है।
6 किस्म की गाय से रोज होता है 450 लीटर का उत्पादन
नवीन यादव जी के पास 6 नस्ल की गाय है जिससे उन्हें 450 लीटर दूध का रोज उत्पादन होता है। और सबसे ज्यादा फ्रीजियन गाय से दूध का उत्पादन होता है। यह फ्रीजियन गाय रोज 25 से 27 लीटर तक दूध देती है। बहुत सारा दूध उनके घर से ही बिका जाता है। और बाकी बचा दूध वे बाजार में भेजते है जहाँ 100 रूपये प्रति लीटर से दूध बिक जाता है इसके साथ वह अपने गाँव के स्थानीय 10 लोगो को भी रोजगार दे रहे है।
खुद का प्रोडक्ट निकालने की कर रहे है तैयारी
गौ पालक नवीन यादव ने बताया कि उनके पास अलग-अलग प्रकार की नस्ल वाली 6 गायों जैसे मेंगीर,फ्रिजियन, नागौर, साहीवाल, जर्सी, सिंधी, मालवी है,और इसके अलावा उनके पास देसी नस्ल की लगभग 65से अधिक गाय हैं. यह सब गाय का दूध मिलाकर रोज उन्हें 450 लीटर तक दूध हो जाता है |
उन्होंने बताया कि अभी उनका प्रयास यह है कि वो रोज 20-25 क्विंटल दूध का उत्पादन करे। और वे ये दूध की पैकिंग कर बाजार में उचित दाम पर बेचे। और लोगो को रोजगार भी दे।
कैसे आया गौ पालन का आईडिया
नवीन यादव ने बताया कि गौ पालन बिज़नेस का आईडिया उन्हें उनकी जाति से आया। वे बताते है कि में यादव समाज से हूँ जहाँ उनके वशंज में गौ पालन शुरू से ही किया जाता है। उन्होंने भी इस रीति को आगे बढ़ाया और अब वह 10 लोगो को रोजगार दे चुके है।

