बिहार में उग रहा है रंग-बिरंगे गोभी, विश्व के सबसे बड़े रोग के दवा में काम करेगी यह गोभी,किसान हो जाएंगे मालामाल

बिहार के पूर्णिया जिले में इन दिनों गोभी की रंग-बिरंगी (Colorful cabbage is growing in Bihar) फसल तैयार हो रही है। खेती की नयी तकनीक से लगाई गोभी की इन फसलों को देखकर अब इलाके के दूसरे किसान भी इस नए तरीके को अपनाना चाहते हैं |
दरअसल पूर्णिया के एक किसान शशि भूषण सिंह द्वारा की जा रही आधुनिक खेती इन दिनों दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।

मिल चुका है पुरस्कार
शशि भूषण सिंह अपने खेतों में रेज तकनीक और जैविक विधि से कई तरह की आधुनिक खेती करते हैं। तभी तो इन्हें किसान श्री से लेकर कई तरह के पुरस्कार मिल चुके हैं।

जब भी कोई कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी उनके खेतों में पहुंचता है तो वह भी उनकी खेती की तकनीक और फसल को देखकर दंग रह जाता है।
अच्छे तरीके से करते हैं खेती
पूर्णिया के रानीपतरा चांदी पंचायत के निवासी शशि भूषण सिंह इन दिनों अपने खेतों में कई तरह के गोभी, मटर, आलू, शलजम की वैज्ञानिक विधि से खेती कर रहे हैं। उनके खेतों में हरे रंग का ब्रोकली, पीला गोभी, पर्पल गोभी, शलजम लहलहा रहे हैं।

बताया जाता है कि यहां खेतों की ऐसी रंग-बिरंगी तस्वीर देखकर आस पास के लोग काफी आकर्षित हो जाते हैं और शशिभूषण से खेती की नयी तकनीक की जानकारी भी लेते हैं।
रंग-बिरंगे गोभी के हैं कई फायदें
बता दें, शशि भूषण सिंह की आधुनिक खेती को देखने के लिए कृषि वैज्ञानिक भोला पासवान शास्त्री कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर पारसनाथ, आत्मा के निदेशक दीपक कुमार, हरिमोहन मिश्रा समेत कई कृषि अधिकारी और वैज्ञानिक उनके खेत पर पहुंचे। वह भी इनकी खेती को देखकर काफी प्रभावित हुए।

वहीं कृषि वैज्ञानिक डॉ सीमा कुमारी ने कहा कि शशि भूषण सिंह हमेशा नई तकनीक से वैज्ञानिक तरीके से खेती करते हैं। इनकी खेती दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत है।
महज मैट्रिक पास होकर छाप रहे हैं लाखों रुपए
इस बारे में शशि भूषण सिंह बताते हैं, कि वह महज मैट्रिक पास हैं। लेकिन, यहां आकर उन्होंने वैज्ञानिक विधि से खेती शुरू किया की। उन्होंने अपने खेतों में कई तरह के हाइब्रिड गोभी, मटर, करेला व अलग-अलग वैरायटी के बीज लगाए हैं।

शशि भूषण सिंह ने कहा कि एक गोभी या ब्राकोली 50 से 60 रुपये में बिकता है।फोन से ही व्यापारी अपनी डिमांड लिखवाते और उनके खेत से गोभी लेकर जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस खेती से मुझे 1 एकड़ में 3 से 4 लाख रुपए तक फायदा हो जाता है

