बिहार के एक करोड़ 29 लाख बच्चों के खाते में सरकार भेज रही है पैसे, मिलेंगे इतने रुपये
कई महीने के बाद कोरोना नियमों का पालन करते हुए बिहार के 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों (Primary Schools) में पठन पाठन का कार्य शुरू हो चूका है, वर्तमान में बच्चे पिछली कक्षाओं के पाठ्य-पुस्तकों पर आधारित कैचअप कोर्स से पढ़ रहे हैं। हालाँकि इसी बीच शिक्षा विभाग ने पहली से आठवीं कक्षा तक के 1 करोड़ 29 लाख बच्चों को किताबों की खरीद के लिए 402 करोड़ रुपये भेजने की तैयारी पूरी कर ली है।
किस छात्र को कितनी राशि
अगले एक से दो दिनों के भीतर ही विभाग द्वारा डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खाते में राशि भेजी जाएगी, पहली से चौथी कक्षा तक के बच्चों को 250 रुपये (प्रति छात्र) और पांचवीं से आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को 400-400 रुपये उनके बैंक खाते में डीबीटी से उपलब्ध कराए जाएंगे।
402 करोड़ 71 लाख रुपये कराए गए उपलब्ध
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Kumar Chowdhary) के मुताबिक चालू सत्र में प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 1 करोड़ 29 लाख 6682 बच्चों को किताब खरीदने के पैसे भेजने की अनुमति दी गई है, ताकि बच्चों की पढ़ाई सुचारु रूप से हो सके। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से 402 करोड़ 71 लाख 15 हजार रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि बच्चों के पास किताबें होनी ही चाहिए। बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार को निर्देश दिया गया है कि सभी जिलों में किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। समय-समय में इसकी समीक्षा करें।
दूसरी से आठवीं के बच्चों को मिलेगी राशि
किताबों की खरीद के लिए फिलहाल शिक्षा विभाग दूसरी से आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को राशि उपलब्ध करा रही है, चुकी पहली कक्षा में अभी बच्चों का नामांकन लिया जा रहा है। इसलिए इस माह के अंत तक पहली कक्षा के बच्चों को राशि दी जाएगी। बता दें कि कक्षा 1 से 4 तक बच्चों कुल संख्या 75 लाख 80 हजार 384 है। प्रत्येक बच्चे के खाते में ढाई सौ रुपये ट्रांसफर हांगे। कक्षा 5 से 8 तक बच्चों की संख्या 53 लाख 36 हजार 298 है जिन बच्चों को चार-चार सौ रुपये दिए जाएंगे।
20 फीसदी बच्चे भी नहीं खरीद रहे किताब
छात्रों को मिलने वाली राशि किताबों में बदल जा रही हो जरूरी नहीं है, आकड़े अगर देखें तो आप चौक भी सकते है। मालूम हो कि पिछले तीन साल यानि वर्ष 2018 से सरकार प्रारम्भिक स्कूल के बच्चों को नि:शुल्क किताब के बदले डीबीटी से राशि दे रही है। पहले साल 13, दूसरे साल 19 तो पिछले साल महज 11 फीसदी किताब ही बच्चों द्वारा खरीदी गयी है। इन तीन साल में डीबीटी से क्रमश: 264.29 करोड़, 500.36 करोड़ 378.64 करोड़ रुपए दिए गए, इसमें से मुद्रकों द्वारा इन वर्षों में छपी 70.13, 94.20 और 52.69 करोड़ रुपए की ही किताबें बिकीं।

