अभी तक नहीं कर पाए विदेश यात्रा, तो बिहार के छोटे से शहर में ही मिलेगी आपको विदेशी नज़ारों की झलक
Bodhgaya Tour Itinerary: भारत में पर्यटन की दृष्टि से कई ऐसे राज्य हैं जहां आपको प्राचीन ऐतिहासिक संस्कृति और परंपरा से जुड़ी इमारतें , सामग्रियां, खंडहर और अवशेष देखने को मिलते हैं। लेकिन आज हम आपको भारत के एक ऐसे शहर के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जहां आपको भारतीय ही नहीं कई विदेशी परंपराओं की झलक देखने को मिलती है।
हम बात कर रहे हैं हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म से संबंधित पवित्र शहर बोधगया की। अगर आप प्राचीन इतिहास में रुचि रखते हैं तो बोधगया की यात्रा आपके लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।अगर आप भी सामान्य पर्यटन से अलग कुछ अनोखा और अद्भुत अनुभव करना चाहते हैं तो बोधगया आकर यहां आकर के खास पर्यटक स्थलों को देख सकते हैं।
बोधगया के बारे में कुछ खास जानकारी
- 500 ईसा पूर्व से संबंधित बोधगया बिहार की राजधानी पटना से लगभग 100 किलोमीटर दूरी पर फल्गु नदी के किनारे बसा हुआ है। इसी के समीप हिंदुओं का पवित्र शहर गया भी स्थित है। जिसके नाम से इसे बोधगया कहा जाता है।
- बोधगया एक ऐसा शहर है, जहां कई विदेशी वास्तुकला पर आधारित मठों को देखकर आपको विदेश यात्रा जैसी फीलिंग आती है।
- यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर लिस्ट में शामिल यह स्थान बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों द्वारा बेहद ही पवित्र माना जाता है।
- मान्यताओं के अनुसार यही वह स्थान है जहां पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। बोधगया में आज भी भगवान बुद्ध की प्रतिमा इस रूप में स्थापित है जिस रूप में उन्हें महा ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
- भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा वाली प्रतिमा का प्रतिरूप आज के समय में हमें हर जगह देखने को मिलता है।
- 13वीं सदी तक यह स्थान महात्मा बुद्ध से जुड़े होने के कारण काफी प्रसिद्ध था। परंतु इसके बाद राजनीतिक फेरबदल की वजह से इस स्थान की मान्यता कुछ कम हो गई थी।
- लेकिन समय के साथ बोध गया पर्यटन की दृष्टि से काफी विकसित हो चुका है। यहां की ऐतिहासिक धरोहर को देखने के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
- सम्राट अशोक द्वारा इस स्थान बौद्ध धर्म से संबंधित कई स्मारक बनवाए गए। जो आज भी यहां देखे जा सकते हैं।
- पवित्र बोधी वृक्ष की परिक्रमा करने और यहां पर पूजा अर्चना करने के लिए बौद्ध पर्यटक दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं। बुद्ध पूर्णिमा इस स्थान पर पूजा अर्चना का विशेष महत्व होता है।
बोधगया की इन स्थानों पर जरूर जाएँ
बोधि वृक्ष
बोधगया यात्रा में सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटक स्थल में बोधि वृक्ष का नाम सबसे ऊपर आता है। यह वही स्थान है जहां बैठकर भगवान बुद्ध ने महा ज्ञान के लिए ध्यान लगाया था। मान्यताओं के अनुसार अशोक की बेटी संघमित्रा द्वारा इसी वृक्ष की एक शाखा को श्रीलंका में ले जाकर स्थापित किया गया है।
महाबोधि मंदिर
बोधगया का महाबोधि मंदिर भी बोधगया यात्रा के दौरान पर्यटकों द्वारा देखे जाने वाले प्रसिद्ध स्थान में से एक है। इस महाबोधि मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक द्वारा करवाया गया था। आपको बता दें सातवीं शताब्दी में बनवाए गए इस मंदिर के बीचो-बीच दिशा ही वृक्ष स्थापित है।

थाई मठ
भारत से निकलकर बौद्ध धर्म दुनिया के कई देशों में अपनाया गया । इस वजह से बोध गया में कई विदेशी सभ्यताओं के मंदिर व् मठ देखने को मिलते हैं, इन्हीं में से एक 1956 में थाईलैंड के राजा द्वारा बनवाया गया “थाई मठ” भी है।
सुनहरी टाइलों से बना यह बौद्ध मंदिर भारत का एकमात्र थाई मंदिर है जिसकी ढलान और घुमावदार छत की खूबसूरती देखते ही बनती है। यह खूबसूरत मठ थाईलैंड की अद्भुत वास्तुकला को दर्शाता है। इस मठ में भगवान बुद्ध की विशाल कांस्य की स्थापित किया गया है।
रॉयल भूटानी मठ
भूटान के राजा द्वारा बनवाए गए रॉयल भूटानी मठ को भी बोधगया का एक पवित्र तीर्थ स्थल और मुख्य पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है। जहां पर हर वर्ष बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म को मानने वाले तीर्थ यात्री और देसी विदेशी पर्यटक इसे देखने पहुंचते हैं। अद्भुत भूटानी वास्तुकला द्वारा निर्मित यह सुंदर बौद्ध मठ, भूटानी भिक्षुओं का विश्राम गृह भी है।

बेहद है खूबसूरत नक्काशी द्वारा निर्मित इस रॉयल भूटानी मठ में गौतम बुद्ध की 7 फीट ऊंची प्रतिमा और कई बौद्ध प्रति और उनकी शिक्षाओं को नक्काशी द्वारा उकेरा गया है। यहां के वातावरण में आपको एक अद्भुत शांति का एहसास होता है।
बुद्ध की ऊंची प्रतिमा
बोधगया में तिब्बती बौद्ध गुरू दलाई लामा द्वारा स्थापित भगवान बुद्ध की 80 फीट ऊंची महान बुद्ध प्रतिमा भी यहां के मुख्य धार्मिक और विशेष पर्यटक स्थलों में से एक है। जहां बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षु और देसी विदेशी पर्यटक इसे देखने के लिए पहुंचते हैं। इस विशाल प्रतिमा का निर्माण 1989 में करवाया गया था।
जापानी मंदिर
बोधगया में आपको भूटानी और थाईलैंड के मठों के अलावा जापानी वास्तुकला से निर्मित भगवान बुद्ध के जापानी मंदिर को देखने का भी अवसर मिलता है। बोधगया से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस मंदिर का निर्माण 1972 में करवाया गया था। जहां आपको जापानी वास्तुकला का प्रतिबिंब देखने को मिलता है।

आर्कियोलॉजिक म्यूजियम
अगर आप प्राचीन काल के इतिहास से जुड़ी मूर्तियां कलाकृतियां और हिंदू और बौद्ध धर्म से जुड़े अवशेष देखने में रुचि रखते हैं तो आप बोधगया स्थित आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम की भी विकसित कर सकते हैं आर्कियोलॉजिकल डिपार्मेंट द्वारा खुदाई में प्राप्त प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने को मिलता है।
कैसे पहुंचें बोधगया
आपको बता दें बौद्ध धर्म के अनुयाई देश-विदेश में फैले होने के कारण बोधगया में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं।
हवाई सफर से
अगर आप हवाई यात्रा द्वारा बोधगया पहुंचाना चाहते हैं तो बोधगया में सबसे करीबी हवाई अड्डा गया है, जो बोधगया शहर से 17 किलोमीटर दूर स्थित है। इसके अलावा आप यहां आने के लिए पटना एयरपोर्ट या कोलकाता एयरपोर्ट भी आ सकते हैं। जहां से आप सड़क मार्ग द्वारा टैक्सी या पब्लिक ट्रांसपोर्ट द्वारा बोधगया पहुंच सकते हैं।
ट्रेन के सफर से
ट्रेन के माध्यम से बोधगया पहुंचने के लिए आपको बोधगया रेलवे स्टेशन आना होगा। जो शहर से 13 किलोमीटर दूर स्थित है। इंटरनेशनल टूरिस्ट स्पॉट होने की वजह से यहां पर देश के बड़े शहरों से काफी संख्या में ट्रेन आती हैं- जैसे दिल्ली, कोलकाता, पटना, बैंगलोर, हैदराबाद, मुंबई, पुणे आदि
सड़क मार्ग से
गया से करीब होने के कारण बोधगया शहर सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह बिहार के सभी बड़े जिलों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा आपके यहां साधारण बसों के अलावा लग्जरी व डीलक्स बसों की सुविधा भी मिल जाती है। साथ ही आप प्राइवेट टैक्सी द्वारा पटना नालंदा राजगीरी वाराणसी और बिहार के अन्य बड़े जिलों द्वारा आसानी से सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं।

