बिहार के युवा ने Youtube से सीखी काले आलू की खेती,अमेरिका से मंगवाया बीच-जाने खासियत
यह बिहार के लिए गौरव की बात है पहली बार काले आलू की खेती से कृषि के क्षेत्र में बिहार का कद और ऊंचा हो जाता है इसकी जिम्मेवारी उठाई है गया जिले के एक किसान का नाम आशीष कुमार है|
जानकारी के मुताबिक आशीष ने काले आलू के बीच अमेरिका से ऑनलाइन मंगाया है और इसकी खेती इंटरनेट के माध्यम से सीखी है|

बिहार में पहली बार
देखा जाए तो आमतौर पर दक्षिण अमेरिका के सैंडविच के पर्वतीय इलाके में होती है काले आलू की खेती इस आलू के कोई आयुर्वेदिक गुण भी है सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है यह आलू
बिहार के गया में इस आलू की खेती शुरू हो गई है गया के प्रतिभावान किसान आशीष सिंह ने इसकी ट्रायल करने के लिए 14 किलो अमेरिका के बीच मंगा कर गया की टेकरी प्रखंड क्षेत्र के गुलरियाचक गांव में इसका प्रतिक्षण चालू कर दिया है|

अमेरिका से मंगाई इतनी महंगी बीज
आशीष ने बताया कि 14 किलो ब्लैक पोटैटो का बीज अमेरिका से मंगाया है, जोकि1500 रुपए प्रति किलो पड़ा है. अमेरिका के बाजार में इसकी कीमत 3-4 डालर प्रति किलो है|
आम आलू की तरह ही की जाती है और तीन महीने में फसल आ जाती है. ट्रायल के तौर पर इसकी शुरुआत कर रहे हैं. प्रयोग सफल रहा तो इसे बड़े पैमाने पर फैलाने की तैयारी है.

स्वास्थ्य के लिए है यह बढ़िया
आशीष बताते हैं कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) से आलू की माप होती है, जो 0-100 तक होता है. अगर आलू का जीआई 70 से अधिक होता है तो उसे उच्च माना जाता है.
तुलनात्मक अध्ययन में ब्लैक पोटैटो का जीआई 77 पाया गया है. जबकि पीले आलू का जीआई 81 और सफेद आलू का जीआई 93 होता है.

इसको खाने से यह है फायदा
किसान आशीष के मुताबिक, उच्च एंथोसायनिन का सेवन स्वास्थ्य कोलेस्ट्रॉल के स्तर, बेहतर दृष्टि और हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह के कम जोखिम सहित कई लाभों से जुड़ा रहता है. इस आलू से रक्तचाप और रक्त वाहिका स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है|
यह आंशिक रूप से उच्च पोटेशियम सामग्री पाए जाने के कारण होता है. इसमें सफेद आलू से अत्याधिक पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जो ब्लड सुगर के लिए बेहतर है.

