Parwal Farming : हमारे देश में आज भी किसान प्राकृतिक मौसम पर निर्भर होते है, जिसकी वजह से उन्हें बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमारी देश की आर्थिक और सामाजिक संरचना में किसानों का महत्व अत्यधिक है। किसान हमारे देश की आर्थिक विकास की रीढ़ हैं, लेकिन उनकी जिंदगी में कई सारे चुनौतियां और संघर्ष भी होते हैं। और इन्ही संघर्षो से लड़कर वो देश का हर घर का पोषण करते है।
आज हम आपको एक ऐसे ही महिला किसान जिनका नाम ममता देवी है। उनके बारे में बताएँगे, जो इन सब परेशानियों का सामना करते हुए भी परवल की खेती कर लाखों में उत्पादन कर रही है।
आज कल महिलाएं भी खेती किसानी के क्षेत्र में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है और अच्छा मुनाफा भी कमा रही है, उन्ही में से एक है बिहार की बेगूसराय की रहने वाली ममता देवी।
कृषि विज्ञान केंद्र से परवल का लिया प्रशिक्षण
ममता देवी ने परवल की खेती के लिए एक बीघा जमीन लीज पर लेकर किसानी की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने 2014 में विशेषज्ञ कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम से परवल की खेती पर प्रशिक्षण प्राप्त किया और जैविक खेती का माहिर बन गईं।
जैविक खेती का उपयोग करके, ममता देवी ने अपने परवल की खेती को बेहतर बनाया और उससे उन्हें मुनाफा भी अच्छा खासा होने लगा। हालांकि उन्हें बिगड़ते हुए मौसम से नुकसान भी झेलना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
कर्ज लेकर शुरू की खेती
ममता देवी ने बताया कि शुरुआत में उनके पास खेती करने के लिए पैसे नहीं थे, जिसके कारण उन्हें लोन का सहारा लेना पड़ा, उन्होंने परवल की खेती के लिए जीविका समूह में 10 रूपये रोजाना जमा करते हुए 70 हजार रूपये का कर्ज लिया। जिससे उन्होंने गाँव के जमींदार से सालाना 13 हजार देकर एक बीघा जमीन लीज पर ले ली।
इसके बाद उन्होंने भागलपुर से डंडारी वैरायटी के परवल के बीज को लेकर इसका उत्पादन शुरू कर दिया। ममता देवी ने बताया कि अब वह हर साल वह 2 लाख से ज्यादा परवल का उत्पादन कर लेती है जिससे सालाना डेढ़ लाख तक कमा लेती है।
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