Bihar Solar Plant: बिहार को सोलर पावर प्लांट से मिलेगी बिजली, समझौते को मिली मंजूरी
सोलर एनर्जी अर्थात सौर ऊर्जा का प्रसार काफी तेजी से हो रहा है। ऐसे में अब बिहार में भी इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है। लोग ऊर्जा क नवीकरणीय और सस्ते ऑप्शन को इस्तेमाल करना चाहते है।
बिहार सरकार जल्द ही सोलर प्लांट से उत्पन्न होने वाली सोलर पावर की खरीददारी करेगी। बिहार को यह बिजली थर्मल पावर से काफी सस्ती मिलेगी। इसके लिए 25 साल का समझौता किया जा रहा है।
नवादा में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की स्थापना
दरअसल बिहार के नवादा में रजौली स्थित फुलवरिया डैम में ग्रिड कनेक्टेड फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की स्थापना की जाएगी। इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से नियमित रूप से 10 मेगावाट बिजली का पैदावार सुनिश्चित होगा।
राज्य में इस सोलर प्लांट की स्थापना रेस्को मोड में की जाएगी। जिसका मतलब है की निजी या सरकारी एजेंसी इस प्लांट का निर्माण कर बिजली का उत्पादन करेगी और बिजली आपूर्ति कंपनियां संबंधित एजेंसी से बिजली की खरीद करेगी।
3.87 रुपये प्रति किलोवाट की दर से मिलेगी सौर बिजली
डिस्कॉम्स को इस प्लांट से उत्पादित सौर बिजली 3.87 रुपये प्रति किलोवाट की दर से मिलेगी। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने रेस्को मोड में सोलर प्लांट की स्थापना और निर्धारित दर पर बिजली खरीद को लेकर लंबी अवधि का समझौता किये जाने की मंजूरी भी दे दी है।
बिजली कंपनी ने बताया कि बिहार में कई जगहों पर ग्राउंड माउंटेड व फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांटों की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया है। जिसके लिए सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है, और जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
सोलर पावर प्लांटों की स्थापना के लिए नोडल एजेंसी तय
सोलर पावर प्लांटों से उत्पादित बिजली थर्मल यूनिटों के मुकाबले काफी सस्ती होगी और कार्बन फुट प्रिंट से भी मुक्ति मिलेगी। ऊर्जा विभाग ने विभिन्न जल निकायों में एक मेगावाट से अधिक के सोलर पावर प्लांटों की स्थापना को लेकर बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड को नोडल एजेंसी बनाया है।
इसके साथ ही बेकार व बंजर जमीन पर एक मेगावाट से अधिक के ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट की स्थापना और एक मेगावाट से अधिक के बायोमास व बैगेस पावर प्लांट की स्थापना को लेकर भी जेनरेशन कंपनी ही कार्यकारी एजेंसी बनायी गयी है।
25 साल की अवधि के लिए बिजली खरीद का समझौता
विनियामक आयोग की मंजूरी मिलने के बाद अब फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट निर्माण को लेकर सफल बोली लगाने वाली एजेंसी और डिस्कॉम्स के बीच पावर परचेज एग्रीमेंट का रास्ता भी साफ हो गया है।
बिजली कंपनियां 25 साल की लंबी अवधि के लिए बिजली खरीद का समझौता करेगी। इससे डिस्कॉम्स को रिन्युएबल पावर ऑब्लिगेशन (आरपीओ) यानि नवीकरणीय ऊर्जा खरीद की बाध्यता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।
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