बिहार ऐसा राज्य जो बन सकता है रातोंरात अरबपति , देश का सबसे बड़ा सोने का खजाना है इस गुफा में : देखे Photos
सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जिन इलाकों में नक्सलियों की बंदूकें बारुद उगलती थी, वहां की धरती सोना उगलेगी। यह दीगर बात है कि लाल गलियारे में अकूत स्वर्ण भंडार की सच्चाई स्वीकारने में सरकार को 40 साल लग गए।

संसद में पहली बार सरकार ने भी माना कि जमुई में अकूत स्वर्ण भंडार है और देश का 44 प्रतिशत सोना (स्वर्ण धातु) सोनो प्रखंड अंतर्गत करमटिया गांव में है। इसके बाद तो स्थानीय स्तर पर करमटिया को अब सोनमटिया कहा जाने लगा है। यहां 223 मिलियन टन स्वर्ण भंडार होने का सरकार को अनुमान है।

इतिहासकारों के अनुसार हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार को सोने-चांदी से बेहद लगाव था। बताया जाता है कि बिहार की इस गुफा में हर्यंक वंश का खजाना छिपाकर रखा गया है। अंग्रेजों ने इसके भीतर जाने की एक बार कोशिश भी की थी, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो पाये थे।

इतिहासकारों के अनुसार, इसका निर्माण हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार की पत्नी ने कराया था. इस सोन भंडार को देखने व जानने के लिए आज भी पूरे विश्वभर से पर्यटक आते हैं, लेकिन सभी अनसुलझी रहस्मयी कहानी सुन आश्चर्यचकित हो वापस लौट जाते हैं।

इतिहासकार बताते हैं कि हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार को सोने-चांदी से बेहद लगाव था। वह सोना और इस पीली धातु से बने आभूषणों को इकठ्ठा करते रहते थे। उनकी कई रानियां थीं, जिनमें एक रानी बिम्बिसार की पसंद का पूरा ध्यान रखती थीं।

स्थानीय लोग कहते हैं कि पहली बार चीटियों ने यहां सोने का खजाना होने का संकेत दिया था। तब एक बरगद पेड़ के नीचे चरवाहा धूप से बचाव के लिए जमा होते थे। चीटियां खुद का घरौंदा बनाने में मिट्टी के कण उक्त पेड़ के आसपास जमा कर रही थी।

इसी दौरान मिट्टी के कण की पीली चमक ने कुछेक लोगों को आकर्षित किया और बात धीरे-धीरे फिजां में फैलने लगी। इसके बाद तो जो हुआ वह सबके सामने है लेकिन स्थानीय स्तर पर जितनी मुंह उतनी बातें सुनने को मिलती है।

कई लोगों के बारे में तो कहा जाता है कि रातों-रात अमीर हो गए। बहरहाल अब लोगों का ध्यान सरकार की अगली कार्रवाई और अगले कदम की ओर जा टिकी है।

