बिहार के लड़के ने बनाई जादुई पेंसिल,लिखते जाइए खत्म हो जाए पेंसिल तो पौधा उगा दीजिए

Bihar boy made magic pen (1)

बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है बस जरूरत है तो उसे सराहना की और उस कलर के प्रदर्शन को लोगों के बीच में लाने की, ऐसा ही कला का प्रदर्शन बिहार के ऋषभ ने पूरे देश के समक्ष रख दिया है जिसे सभी लोग कर रहे हैं इनकी तारीफ

Bihar boy made magic pen
बिहारी लड़के का कमाल का आविष्कार

यूज़ एंड थ्रो नहीं बल्कि यूज़ करने के बाद इसे मिट्टी में रोप दीजिए और पौधा पाइए. एक ऐसी पेंसिल है, जो रद्दी पेपर से बनाई गई है|

पेंसिल की कीमत मात्र ₹10

ऋषभ ने पेंसिल के ऊपर पौधों के बीज लगाएं है जैसे ही लिखते लिखते पेंसिल खत्म होने लगे उसके बाद उसमें लगे बीज से पौधा तैयार हो जाएगा यह पेंसिल केवल और केवल ₹10 में मिल रही है

Bihar boy made magic pen
बहुत कम खर्च में बना दी पेंसिल

₹10 में इतना कमाल का आविष्कार भला कौन ना चाहेगा इसे खरीदना आप देखने की बात यह है कि ऋषभ के इस स्टार्टअप में कितने लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं| जो भी व्यक्ति अच्छे कलर को सर आते होंगे वह लोग जमकर करेंगे इनकी तारीफ

ऋषभ के इस पहल से लोगों को जागरूक करने की कोशिश

प्लास्टिक भारत देश का एक भयानक समस्या है जिसे निपटने की सरकार ढेरों योजनाएं बना चुकी है इसको लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं ऋषभ,इससे  से निपटने के लिए पटना जिले के ऋषभ ने ऐसे प्रोडक्ट बनाए हैं|

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पर्यावरण देश का गंभीर समस्या है

जिनसे वातावरण सुरक्षित हो और प्लास्टिक पर हमारी निर्भरता भी खत्म हो.ओरिजिंस ट्राइब के नाम से स्टार्ट अप कंपनी चलाने वाले ऋषभ बताते हैं कि उनकी कंपनी का मकसद पर्यावरण को बचाना और हरा भरा वातावरण बनाना है |

ऐसे बनता है 

इसके लिए सभी उत्पाद बांस से बनाए जाते हैं.बांस से बोतल, टूथब्रश, रेजर समेत कई उत्पाद उनकी कंपनी बनाती है. बांस से बने ब्रश के बारे में ऋषभ बताते हैं कि यह 3 महीने तक चल सकता है. इसका दाम भी मात्र 50 रुपये है|

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पहले लिखते जाइए खत्म हो जाता है सिम तो पौधा बन जाएगा

जो लोग ऋषभ के इस योजना के बारे में जान रहे समझ रहे हैं वह जमकर कर रहे हैं तारीख की इतनी छोटी उम्र में ऐसी आविष्कार बहुत ही सराहनीय है|   

बिहार सरकार ने की है तारीफ 

ऋषभ के इस स्टार्ट अप को बिहार सरकार ने भी सराहा है. सरकार की तरफ से प्रोत्साहन के तौर पर फंड भी मिल चुका है. ऋषभ ने इकोनॉमिक्स में मास्टर्स किया है. इस दौरान रिसर्च करते समय पता चला कि प्लास्टिक से पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है|

पहले लिखते जाइए खत्म हो जाता है सिम तो पौधा बन जाएगा
बिहार सरकार ने फंड के रूप में दिया है साथ

वातावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए ऋषभ ने इस स्टार्ट अप को प्लान किया. पिछले 6 महीने से वह इस काम में लगे हुए हैं. उनके बनाए उत्पाद 250 रुपये से कम कीमत के हैं इसीलिए सबके बजट में फिट भी हैं. उन्हें लोगों से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है.