आर्मी में जाने का था सपना, बिहार के आनंद ने मधुमक्खी पालन से 6 महीने में कमाए 1.5 से 2 लाख रुपये

beekeeper anand of samastipur bihar success story

बिहार में मधुमक्खी पालन के जरिए कई युवक अपनी जिंदगी में मिठास भर रहे हैं। इसके साथ ही सूबे को शहद में आत्मनिर्भर बनाने का काम भी कर रहे हैं। इस आत्मनिर्भरता के पीछे वैसे युवकों का भी योगदान है, जो बड़े शहरों में नौकरी करने की जगह मधुमक्खी पालन कर रहे हैं।

एक ऐसे ही 23 वर्षीय आईटीआई पास आनंद कुमार भी हैं, जो कि बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। इनका सपना सेना में जाकर देश की सेवा करने का था। लेकिन कुछ ऐसे हालात बनें कि ये आज मधुमक्खी पालन बिजनेस से जुड़ गए हैं।

बिहार में मधुमक्खी पालन के जरिए कई युवक अपनी जिंदगी में मिठास भर रहे हैं
बिहार में मधुमक्खी पालन के जरिए कई युवक अपनी जिंदगी में मिठास भर रहे हैं

मीडिया से बातचीत करते हुए आनंद कुमार कहते हैं कि किसी बड़े कंपनी में नौकरी करने की जगह खुद का बिजनेस करना बढ़िया है और इसी सोच ने सेना की तैयारी एवं आईटीआई की पढ़ाई करने के बाद भी मधुमक्खी पालन से जुड़कर 6 महीना में करीब डेढ़ से पौने दो लाख रुपए की कमाई कर रहा हूं।

Anand Kumar has been doing beekeeping for 4 years
आनंद कुमार 4 साल से कर रहे हैं मधुमक्खी पालन

आनंद कुमार के पास मौजूदा वक्त में करीब ढाई सौ बॉक्स है। ये नवंबर से लेकर मई महीने तक देश के विभिन्न राज्यों में शहद इकट्ठा करने के लिए जाते हैं। इनके साथ करीब तीन से चार लोगों की एक टीम है। वहीं इनका कहना है कि इस साल मौसम की मार से शहद उत्पादन पर सीधा असर हुआ है।

बड़े कंपनी में नौकरी करने से बढ़िया मधुमक्खी पालन का व्यवसाय

करीब तीन राज्य में घूमने के बाद बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया में शहद इकट्ठा करने के लिए आए। आनंद कुमार किसान तक से बात करते हुए कहते हैं कि बारहवीं की पढ़ाई करने के दौरान सेना में जाने की तैयारी कर रहा था।

उस कालखंड में सपनें बहुत बड़े थे। लेकिन इसी दौरान हाथ टूट गया। और सेना में जाने के सपने पर ग्रहण लग गया। आगे वह कहते हैं कि 2019 में आई.टी.आई किया।

Better beekeeping business than working in a big company
बड़े कंपनी में नौकरी करने से बढ़िया मधुमक्खी पालन का व्यवसाय

लेकिन किसी बड़ी कंपनी में 10 से 12 से हजार की नौकरी करने की जगह मधुमक्खी पालन के साथ जुड़ गया। यह कहते हैं कि इनके रिश्तेदार 8 साल से इसमें जुड़े हुए थे। उन्हीं से प्रशिक्षण लेने के बाद शहद उत्पादन से जुड़ा।

तापमान बढ़ने से शहद उत्पादन पर सीधा असर

आनंद कुमार कहते हैं कि वह नवंबर महीने से लेकर मई महीना तक शहद इकट्ठा करने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं। लेकिन पिछले दो साल से उत्पादन एवं दाम में कमी आई है।

इस साल फरवरी महीने में तापमान बढ़ने से मधुमक्खियां अधिक धूप के कारण खेतों में कम गईं। एक मधुमक्खी लगभग तीन किलोमीटर दूर तक शहद इकट्ठा करने के लिए जाती है।

Increase in temperature affected bee keeping
तापमान बढ़ने से मधुमक्खी पालन पर पड़ा असर

लेकिन गर्मी होने के कारण सुबह 10 बजे तक और शाम को 4 बजे के बाद जाती थीं। आगे कहते हैं कि पिछले फरवरी महीना में जहां एक बॉक्स से तीन से चार राउंड से 4 से 5 किलो शहद निकल गया था।

लेकिन इस साल मधुमक्खियों को खाने तक का शहद नहीं है। वहीं पूरे 6 महीने का भ्रमण करने के बाद 2022 में करीब 8 क्विंटल तक शहद इकट्ठा हुआ था। मगर इस साल अभी तक 2 क्विंटल शहद इकट्ठा हो पाया है।

ऐसे इक्कट्ठा होता है शहद

आनंद कुमार के साथ रहने वाले 50 वर्षीय रामबाबू महतों कहते हैं कि नवंबर महीने से ही घर छोड़ देते हैं और करीब 6 महीना तक शहद इकट्ठा करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में भ्रमण करते हैं।

नवंबर महीना में झारखंड जाते हैं, जहां वन तुलसी के पौधे से शहद इकट्ठा किया जाता है। दिसंबर महीने में यूपी के सीतापुर जिले से लिप्ट्स के पेड़ से मधुमक्खी फूलों का रस चूसकर शहद इकट्ठा होता है।

This is how honey is collected
ऐसे इक्कट्ठा होता है शहद

जनवरी में मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिला के भिंड एवं बिहार के कैमूर जिले में फरवरी महीने में सरसों के फूल से शहद जमा किया जाता है। इसके साथ ही आखिरी में मार्च महीने में मुजफ्फरपुर में लीची के बागान में जाते हैं।

आगे महतो कहते हैं कि पिछले कुछ साल से शहद का दाम कम हो रहा है। आज 50 से 60 रुपए प्रति किलो शहद बेचने को मजबूर हैं। वहीं पिछले साल 150 रुपए किलो शहद व्यापारियों को दिया गया था।

शहद को लेकर खुलेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

Center of Excellence will be set up for better market and training for honey farmers
शहद से जुड़े किसानों के लिए बेहतर बाजार एवं प्रशिक्षण को लेकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा

28 फरवरी को बिहार सरकार ने बजट पेश किया। वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि राज्य में बड़े स्तर पर किसान मधुमक्खी पालन से जुड़े हुए हैं। वहीं शहद से जुड़े किसानों के लिए बेहतर बाजार एवं प्रशिक्षण को लेकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा।