बिहार का यह गाँव अपने आप में है बेहद ख़ास, यकीन न हो तो यहाँ के घरों को खुद देख ले
यह खास गांव कटिहार जिले के कुर्सेला प्रखंड में है। इस गांव का नाम बलथी महेशपुर है। ग्रामीण अपने घरों को अलग पहचान देने के इतने शौकीन हैं कि छत पर सीमेंट से कुछ न कुछ विशेष आकृति बनवाते हैं, ताकि उनके मकान को लोग आसानी से पहचान लें। इस गांव की चर्चा आसपास के इलाके में खूब होती है।
कहते हैं शौक बड़ी चीज होती है और यही शौक यदि जुनून बन जाए तो वह अलग पहचान दे देता है। कटिहार के कुर्सेला थाना क्षेत्र के बलथी महेशपुर गांव के कुछ लोगों के बेहद ही खास शौक की वजह से यह इलाका पूरे बिहार में खास पहचान रखता है।
वैसे तो हो शहरों और गांवों के लोग अपनी छतों पर कई तरह की आकर्षक आकृतियां बनवाते हैं, लेकिन NH-31 से सटे इस इलाके में कई लोगों द्वारा छत पर आकर्षक मॉडल बनाने के कारण इसकी अलग पहचान बन गई है। लोग कहते हैं कि यहां के लोगों की पहचान उनके घर के छत से होने लगी है।

किसने की शुरुआत?
इसकी शुरुआत जॉब कंसलटेंसी के काम से जुड़े रोमी खान ने की थी। दरअसल, इसी इलाके के रहने वाले मजदूर अशोक बाहर में इसी काम से जुड़े होने की जानकारी देते हुए रोमी खान से उनके घर के छत पर आकर्षक सीमेंट के मॉडल बनाने की मौका देने का गुजारिश की थी।

रोमी खान ने अशोक को मौका देते हुए अपने व्यवसाय से जुड़े पहचान को कायम करने के लिए छत पर एयर इंडिया लिखा हुआ एरोप्लेन बनवा लिया। फिर क्या था इसी को देखते हुए बगल में ही कुछ दूरी पर मुकेश गुप्ता ने अपनी छत पर सीमेंट से धार्मिक मान्यता के अनुसार भोले बाबा के वाहन नंदी बैल बनवा लिया।
पूरे गांव में फैल गया ऐसा शौख
नवाबगंज में नीरज मंडल ने घर की छत पर फुटबॉल के साथ बाज की आकृति बनवा ली। इस इलाके में चर्चा यह है कि लोग घर से नहीं अब अपने घरों की छतों पर बने आकर्षक मॉडल के कारण पहचाने जाने लगे हैं।
आगे इस क्षेत्र के कई और लोग कुछ खास मॉडल के साथ अपनी छतों को सुसज्जित करने पर विचार कर रहे हैं। रोमी खान कहते हैं कि उनके मकान की छत पर बने सीमेंट के एरोप्लेन से शुरू हुआ यह शौक अब पूरे इलाके की पहचान बन रहा है।
स्थानीय विधायक विजय सिंह कहते हैं कि इस इलाके में लोग काफी शौकीन हैं और अलग पहचान बनाने के लिए लोग अपने-अपने घरों की छतों पर आकर्षक आकृति बनवाते हैं।


