कटिहार में बंजर भूमि पर होगी आंवला व ड्रैगन फ्रूट की होगी खेती, किसानों को मिलेगा अनुदान

बिहार सरकार ने सूबे में बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने तथा बंजर जमीन पर अलग अलग तरह के फल, सब्जी, वृक्ष लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना तैयार की है। राज्य सरकार की उद्यान विभाग इस योजना पर कार्य कर रही है जिसके अंतर्गत इच्छुक किसानों को खेती के लिए अनुदान भी दिया जाएगा।

राष्ट्रीय बागवानी क्षेत्र विस्तार योजना के अंतर्गत कटिहार जिले में बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर खेती लायक बनाने की पहल अब तेज हो गई है, विभाग द्वारा कम उर्वरा शक्ति वाले व बंजर जमीन की पहचान कर किसानों को इस योजना से जोडऩे को लेकर जागरूक किया जा रहा है। आंवला व ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। अगस्त से जिले में इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा।

किसानों को मिलेगा अनुदान

सरकार इच्छुक किसानों को बंजर जमीन पर खेती को बढ़ावा देने को लेकर 50 प्रतिशत अनुदान भी देगी जिसके लिए विभाग द्वारा वैशाली जिला स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेन्ट के माध्यम से विभिन्न फलो के पौधे को उपलब्ध कराया जाएगा। कोरोना वायरस महामारी के कारण इस योजना में देरी हुई है लेकिन अगस्त से किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते है।

कार्ययोजना तैयार 

कटिहार के जिला उद्यान पदाधिकारी डा. राहुल कुमार ने बताया कि उद्यान विभाग ने इन जमीनों को फल व सब्जी की खेती के लायक बनाने के लिए कार्य योजना तैयार कर लिया है, इन खेतों में फल और सब्जी के अलावे लकड़ी के लिए महत्वपूर्ण पेड़ के लिए पौधे भी लगाए जाएंगे साथ ही किसानों के लिए अनुदान देने का भी प्रावधान बनाया गया है।

क्या कहते है आंकड़े?

1985 में स्थापित राष्ट्रीय बंजर भूमि विकास बोर्ड क. मुताबिक सूबे मे 94 लाख 98 हजार हेक्टेयर जमीन बंजर है वहीं कटिहार जिले मे ऐसे जमीनों का माप लगभग 22 हज़ार हेक्टेयर जमीन है जबकि 103432 भूमि खेती के लिए इस्तेमाल में आती है। कृषि विभाग के मुताबिक प्रतिवर्ष 6300 हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन पर किसी न किसी कारण खेती नहीं की जाती है। 2126 हेक्टेयर जमीन पर फलदार व छायादार वृक्ष है। वही 1785 हेक्टेयर वन क्षेत्र जिले में है।