मधुमक्खी पालन से बिहार के युवक ने कमाए 12 लाख, लेकिन फिर भी है परेशान, जानिए वजह

akhilesh annual income from beekeeping is 12 lakhs but still troubled

बिहार के पूर्णिया के श्रीनगर प्रखंड के युवा मधुमक्खी पालक हैं अखिलेश कुमार रजक। मधुमक्खी पालन से सालाना लाखों का इनकम है। लेकिन फिलहाल वह परेशान हैं।

अखिलेश कहते हैं कि पिछले 5 वर्षों से मधुमक्खी पालन कर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। पर पूर्णिया के मधुमक्खी पालक किसानों को काफी दिक्कत होती है।

दरअसल पूर्णिया में प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने से मधुमक्खी पालक किसानों को शहद तैयार की प्रोसेस करवाने के लिए बंगाल या बिहार के अन्य जगहों पर जाना पड़ता। तब शहद तैयार होने के बाद अपना लेबल लगाकर बेचते हैं।

खुद की पूंजी लगाकर शुरू किया पालन

मीडिया से बात करते हुए अखिलेश कुमार रजक ने बताया कि वह पिछले 5 वर्षों से मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। मधुमक्खी पालन की विशेष जानकारी पूर्णिया के कृषि विज्ञान केंद्र से मिली।

Akhilesh Kumar Rajak, a young beekeeper from Purnia, Bihar
बिहार के पूर्णिया के युवा मधुमक्खी पालक अखिलेश कुमार रजक

इसके बाद मधुमक्खी पालन करना शुरू किया और उसका कारोबार अच्छा चलने लगा। लेकिन सरकार की तरफ से किसानों को सहायता राशि मिलती है।

5 साल बीत गए अब तक मधुमक्खी पालने के लिए दी जाने वाली योजना के तहत सहायता राशि नहीं मिली है। जिससे काफी परेशानी हो रही है। शहद तैयार करने के लिए हम मधुमक्खी पालक किसानों को काफी मेहनत करनी होती है।

3000 केजी सालाना निकलता है शहद, 12 लाख का मुनाफा

अखिलेश बताते हैं कि एक बक्से में 25 से 30 किलो लगभग शहद निकल आता है। वहीं एक बक्सा में लगभग 10 से 12 तहखाने बने होते हैं। शुद्ध शहद ₹420 प्रति किलो आसानी से बिक जाता है।

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अखिलेश कुमार रजक सालाना 12 लाख रुपए सालाना का इनकम होता है

जिसमें मधुमक्खी अपना छाता लगाता है और शहद जमा करता है। इससे 3000 किलो शहद सालाना लगभग निकाल लिया जाता है। इससे सालाना 12 लाख रुपए सालाना का इनकम होता है।

प्रोसेसिंग करवाने में ₹30 प्रति केजी बढ़ता है खर्च

पूर्णिया में शहद का प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने के कारण बिहार एवं अन्य राज्यों में जाकर शहद प्रोसेस करवाना पड़ता है। जिस कारण आने जाने में भी अतिरिक्त खर्च उठाने पड़ता हैं।

वहीं प्रोसेस कराने के लिए तकरीबन ₹30 प्रति केजी की दर से प्रोसेसिंग चार्ज भी देना पड़ता है। जिस कारण सीजन में लगभग ढाई से ₹3 लाख अतिरिक्त खर्च करने पड़ते हैं।

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प्रोसेसिंग करवाने में ₹30 प्रति केजी बढ़ता है खर्च

अगर यह प्रोसेसिंग प्लांट पूर्णिया में बन जाता है कि किसानों के अतिरिक्त खर्च बचेंगे। साथी साथ शहद तैयार करने में ज्यादा दिन नहीं लगेगा और अपने पूर्णिया में ही शहद तैयार कर सकते हैं।

आप भी ले सकते हैं शुद्ध शहद

किसान अखिलेश कुमार रजक ने कहा अगर पूर्णिया के किन्ही लोगों को मधुमक्खी पालन करना हो तो वह हम से सीधा संपर्क कर सकते हैं।

पूर्णिया के लोगों को अगर शुद्ध शहद की जरूरत पड़े आप दिए हुए इस नंबर 7991161488पर फोन कर आसानी से शहद पा सकते हैं। जिसकी फ्री डिलीवरी दी जाएगी।