Janmashtami 2023: 6 या 7 को, जानिए इस महीने कब है जन्माष्टमी; गया के आचार्य जी ने दी पूरी जानकारी

Janmashtami 2023 : हिन्दू धर्म में सभी त्यौहार बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है, ऐसे ही अभी इस महीने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आ रही है जो कि बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि श्रीकृष्ण विष्णु भगवान का आठवां अवतार हैं। इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है।

भगवान् श्री कृष्णा का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि हुआ था। जन्माष्टमी के दिन भक्त व्रत रखकर भगवान कृष्ण के जन्म के बाद रात 12 बजे पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

आज भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इसी उद्देश्य से मनाई जाती है 

ऐसा कहा जाता है कि कथाओं और महाभारत के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में उनके मामा कंस के कारागार में मां देवकी के गर्भ से था। इस वक्त पाप, अन्याय, और आतंक का प्रकोप था और धर्म की हानि हो रही थी।

धर्म को पुनः स्थापित करने के लिए, द्वापर युग में कान्हा का जन्म हुआ था। आज भी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को इसी उद्देश्य से मनाया जाता है और भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

जन्माष्टमी के महत्वपूर्ण तिथियाँ

इस बार, गया वैदिक मंत्रालय पाठशाला के पंडित राजा आचार्य के अनुसार, जन्माष्टमी का त्योहार 6 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर आरंभ होगा और 7 सितंबर को दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा। इसी दिन, रोहिणी नक्षत्र भी 6 सितंबर को सुबह 09:20 मिनट पर प्रारंभ होगा और 7 सितंबर को सुबह 10:25 मिनट तक रहेगा।

इस दिन, सुबह जल्दी उठें, साफ-सुथरे वस्त्र पहनें, और गंगाजल के साथ व्रत का संकल्प लें। पंडित राजा आचार्य के अनुसार, इस बार 6 और 7 सितंबर दोनों दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा सकता है, और इस दिन पूरी तरह से अन्न का त्याग कर दें, भगवान के भोग के लिए अच्छे-अच्छे मिष्ठान बनाएं।

जन्माष्टमी के व्रत और पूजा का महत्व

जन्माष्टमी के दिन भक्त व्रत रखकर भगवान कृष्ण के जन्म के बाद रात 12 बजे पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

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