बनारस नहीं यह बिहार का गंगा घाट है! हर दिन सैकड़ों लोग लगाते है डुबकी, खूबसूरती देखने लायक

काशी और बनारस के नाम से दुनिया भर में मशहूर वाराणसी अपनी गलियों, गंगा घाट, साड़ी और विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर्यटकों और तीर्थयात्रियों दोनों का बराबर आना लगा रहता है। यहाँ के गंगा घाट को देखने के लिए देश विदेश से हर दिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचते है।

यही जीवनदायिनी गंगा आगे बढ़ते हुए बनारस से बिहार में प्रवेश करती है, बिहार में गंगा नदी कुल 12 जिलों से होकर गुजरती है। हर जिलें में गंगा नदी और वहाँ के घाट की अपनी अलग कहानी है।

यूँ तो बिहार की राजधानी पटना का गंगा घाट काफी लोकप्रिय है लेकिन बिहार में तमाम ऐसे अन्य गंगा घाट है जो अपनी अलग अलग वजहों से जाना जाता है। आज के इस पोस्ट में हम बिहार के एक ऐसे ही जिले की बात करने वाले है जहाँ का गंगा घाट काफी ज्यादा महत्व रखता है और लोगों के बीच काफी लोकप्रिय भी है।

दोस्तों हम बात कर रहे है बिहार के मुंगेर जिले के गंगा घाटों की, मुंगेर में गंगा नदी किनारे दस से भी अधिक घाट है लेकिन यहाँ के तीन घाट खास महत्व रखता है। ये तीनों घाट सोझी, बबुआ और कष्टहरणी घाट है। इन घाटों पर रोजाना आम लोगों के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है और सैकड़ों लोग यहाँ हरदिन डुबकी लगाते है।

मुंगेर में गंगा नदी के किनारे निर्मित सोझी घाट लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है, इस घाट की स्वच्छता लोगों को खींच लाती है। हर दिन संध्या के वक्त इस घाट पर लोगों की भीड़ जुटती है, जिला प्रशासन ने यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुंदर सीढ़ी घाट बनवाया है।

मुंगेर मुख्यालय के गंगा किनारे बबुआ घाट की खूबसूरती सबसे अलग है, यहां जिला प्रशासन ने आम नागरिकों की सुविधा के लिए काफी बढ़िया और सुंदर सीढ़ी घाट बनवाया है। छठ पर्व में बड़ी संख्या में व्रती और श्रद्धालु पहुंचते हैं,शाम के वक्त बबुआ घाट पर लोगों का जमावड़ा लगता है।

मुंगेर मुख्यलाय स्थित कष्टहरणी घाट का ऐतिहासिक महत्व है, धार्मिक दृष्टिकोण से इस घाट को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस घाट पर दर्जन भर देवी-देवताओं के मंदिर मौजूद हैं. मान्‍यता है कि भगवान श्री राम और लक्ष्मण इस घाट पर स्नान कर चुके हैं।

ऐसा माना जाता है कि भगवान राम और लक्ष्मण राक्षस ताड़का का वध करने के बाद इसी कष्टहरणी घाट पर रुके थे और स्नान भी किया था, तब से ऐसी मान्यता है कि इस घाट पर डुबकी लगाने से लोगों को पीड़ा से मुक्ति मिलती है। यहाँ भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और भगवान महादेव के साथ कई देवी देवताओं के मंदिर भी हैं।