बिहार का 23 वर्षीय किसान ने शुरू की परवल की खेती,एक सीजन में 15 लाख की कमाई,राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए हुआ चयन

महज 23 साल के युवा किसान ने किया कमाल
बिहार के मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के मछही गांव के सोनू निगम कुमार की ख्याति देश के युवा किसान के रूप में होने लगी है. महज 23 साल के सोनू इनोवेटिव कृषक सम्मान से सम्मानित होने के साथ-साथ राष्ट्रीय उद्यान रत्न के लिए भी चुने जा चुका हैं. सोनू मुख्य रूप से परवल की खेती करते हैं. वो कहते हैं कि परवल की खेती मुनाफे का सौदा है.
यही कारण है कि लगभग छह एकड़ भूमि में सोनू परवल उगाते हैं. इससे औसतन प्रति माह उन्हें करीब दो लाख रुपये की कमाई हो जाती है. वो कहते हैं कि परवल का सीजन सात महीने का होता है. ऐसे में 14 से 15 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा एक सीजन में हो जाता है.

इस परवल में खास बात
सोनू निगम कुमार बताते हैं कि उनके द्वारा उगाया जाने वाला परवल विशेष किस्म का है. जिसमें बीज कम होता है और परवल का आकार भी बड़ा होता है. अन्य प्रजाति के परवल के मुकाबले यह अधिक स्वादिष्ट होता है. साथ ही, इसके रखने की लाइफ भी बाकी परवल से अधिक होती है. इस कारण सोनू के द्वारा उगाए जा रहे परवल की डिमांड बजार में अधिक है.

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके है इनके पिता
युवा किसान बताते हैं कि उनके पिता दिनेश कुमार भी किसान थे. उनको भी किसानी से संबंधित कार्यों के लिए राष्ट्रपति के द्वारा उद्यान रत्न पुरस्कार मिल चुका है. तीन साल पहले करंट लगने से उनकी मौत हो गई.

सोनू ने बताया कि उनका मन शुरू से खेती-किसानी में लगता था, इसलिए पिता की मौत के बाद उन्होंने खेती-बाड़ी को संभाल लिया. सोनू की मानें तो उनके पिता ने जो काम शुरू किया था, उसको ही वो आगे बढ़ा रहे हैं. अब उन्होंने परवल की खेती पर ध्यान केंद्रित कर दिया है.

सोनू कहते हैं कि उनके लिए गर्व की बात है कि पिता को भी राष्ट्रीय उद्यान रत्न पुरस्कार मिला और राष्ट्रीय उद्यान रत्न पुरस्कार के लिए उनका भी चयन हुआ है.

