जाने बिहार को: बिहार नहीं दुनिया में फेमस है सिलाव का ‘खाजा’, समंदर पार भी मिठास घोल रही

बिहार की नालंदा जिसे सदियों से ज्ञान की भूमि के रूप में जाना जाता है उसी नालंदा जिले में एक जगह है सिलाव। यहाँ की खास मिठाई खाजा देश के साथ ही दुनियाभर में फेमस है। सात समंदर पार दूसरे देशों में भी इसकी मिठास प्रसिद्ध है। डिजिटल क्रांति के आने से सिलाव का खाजा बिहार ही नहीं, देश के कई शहरों और विदेशों में भी पहुंचने लगा है।

कई राज्यों में लोकप्रिय

माना जाता है कि सिलाव खाजा की शुरुआत उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिले तथा बिहार के पश्चिमी जिलों से हुई, इसका निर्माण गेहूं के आटे, मैदा, चीनी तथा इलायची इत्यादि से किया जाता है। जीआई टैग प्राप्त यह व्यंजन वर्तमान में बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल तथा आंध्र प्रदेश इत्यादि में काफी लोकप्रिय है।

एक खाजा 52 परतों की होती है

मूल खाजा 52 पतली आटा-चादरें होती हैं जो एक दूसरे के ऊपर होती हैं। हल्के पीले रंग की मिठाई में सामग्री के रूप में गेहूं का आटा, चीनी, मैदा, घी, इलायची और सौंफ होते हैं। खाजा मिठाई दिखने में बिल्कुल पैटीज के जैसी होती है. खाने में कुरकुरा. इसे मीठा और नमकीन दोनों तरीकों से बनाया जाता है।

काली साह की दुकान दुनियाभर में फेमस

सिलाव में खाजा बनाने की परंपरा सैकड़ों साल से है, काली शाह का परिवार लंबे अर्से से इस कारोबार से जुड़ा हुआ है। इस वजह से इन दोनों के नाम से सिलाव में आज भी कई दुकानें चलती हैं। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में खाजा के कई कारोबारियों ने इस कारोबार को छोड़ दिया, लेकिन काली शाह के वंशज आज भी इस विरासत को संभाले हुए हैं।

पर्यटकों के बीच काफी मशहूर

राजगीर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल है जिस कारण देश विदेश के लोग वहां आते है और जो भी आते है सिलाव का खाजा लेना नहीं भूलते। वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खाजा निर्माण को उद्योग का दर्जा दिया था। साथ इस उद्योग को सरकार की क्लस्टर विकास योजना से भी जोड़ा था।