अगरबत्ती उधोग से बिहार की खुशबु ने दूर की अपनी आर्थिक तंगी, अब औरों को दे रही रोजगार
कभी घर की चहारदीवारी में कैद रहने वाली महिलाएं उद्यमी योजना से जुड़कर सिर्फ आत्मनिर्भरता की गाथा ही नहीं बुन रही हैं बल्कि समाज में मान के साथ घर में भी सम्मान भी पा रही हैं।
ऐसी ही एक महिला बेगूसराय जिले के भगवानपुर प्रखंड अंतर्गत पासोपुर की रहने वाली खुशबू कुमारी हैं। कभी दूसरों पर आश्रित रहने वाली खुशबू को मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना का लाभ मिला। खुद का अगरबत्ती उद्योग खड़ा किया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
परिवार की आर्थिक स्थिति थी बेहद खराब
खुशबू कुमारी ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। गरीबी के बीच किसी तरह जीवन यापन चल रहा था और पति भी बेरोजगार थे। ऐसे में मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बारे में जानकारी मिली।
इसके बाद इससे जुड़ने का निर्णय लिया और 2019 में अपना फॉर्म भरा। 2022 में उद्योग विभाग ने बड़ा सहारा दिया और 10 लाख का लोन दिलाने में मदद की।

इसके बाद उद्योग विभाग की ओर से आयोजित प्रशिक्षण शिविर का हिस्सा बनी। प्रशिक्षण लेने के बाद 2022 में खुद का अगरबत्ती उद्योग शुरू किया। साथी आस-पास के महिलाओं को जोड़कर रोजगार भी मुहैया करा रही है।
हर माह 6 लाख तक की अगरबत्ती की होती है बिक्री
खुशबू कुमारी बताती हैं कि आसपास के 5 बुजुर्ग महिलाओं को भी रोजगार दिया हैं, जो अगरबत्ती की पैकिंग और निर्माण से संबंधित कार्य करती हैं। प्रत्येक माह लगभग 6 लाख तक की अगरबत्ती की बिक्री हो जाती है।

इस कार्य में पति का भी सहयोग मिलता है। वहीं खुशबू के पति विवेक पासवान ने बताया कि पहले वह बेरोजगार थे, लेकिन पत्नी के अगरबत्ती उद्योग खोलने के बाद वह अगरबत्ती को मार्केट में बेचने का काम करते हैं। इससे उनकी भी आमदनी 15 हजार प्रति माह हो जाती है और वह इस पेशे से खुश हैं।
अगरबत्ती उद्योग से जुड़ी महिलाएं अच्छी कमाई कर रही
भगवानपुर प्रखंड अंतर्गत पासोपुर गांव की पांच बुजुर्ग महिलाओं को यह अगरबत्ती उद्योग परिवार चलाने का जरिया बन गया। खुशबू की अगरबत्ती उद्योग में काम कर रही 50 वर्षीय प्रमिला देवी ने बताया कि उनके परिवार में किसी को भी रोजगार नहीं है।
मजदूरी से परिवार चलता था, लेकिन अगरबत्ती उद्योग में उन्हें रोजगार मिलने से परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायता मिली है। प्रमिला देवी ने बताया कि यहां काम रही सभी महिलाओं को 6 से 8 हजार रुपए प्रति माह मिल रहे हैं।


