भक्ति और ध्यान के लिए सर्वोत्तम जगह है बिहार का सागर पोखरा, जानिए क्या है खासियत
बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया शहर के सागर पोखरा में परम शांति और प्रकृति की असीम सुंदरता का वास है। कुछ समय पहले तक दिन के समय यहां लोगों का मेला लगा रहता था।
लेकिन दिन ढलने पर उनका यहां से पलायन होने लगता था। खूबसूरत और प्राकृतिक नजारे से भरे होने के बावजूद भी रात को लोग यहां रूकने से डरते थे।
इसका कारण यहां चारों तरफ अंधेरा और बैठने की उचित व्यवस्था का न होना था। इस बात को लेकर यहां के लोगों में काफी मलाल था, लेकिन अब इसका जीर्णोधार शुरू हो चुका है।

इस जगह सैकड़ों स्ट्रीट लाइट लग चुकी हैं। साथ ही पोखर के बीचों-बीच उसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए फव्वारे लगाए गए हैं जिससे धीरे-धीरे इस जगह का कायाकल्प हो रहा है।
इस बदलाव के बाद अब देर रात तक यहां न सिर्फ पुरुष, बल्कि महिलाएं भी पोखर किनारे प्रकृति के नजारे का लुफ़्त उठाते नजर आती हैं। इसके अलावा, ठेले और खोमचे वालों को भी कमाई का बेहतर जरिया मिला है।
शिवभक्तों और ध्यान लगाने वालों के लिए खास है जगह
दरअसल यहां भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है जहां दिन और रात दोनों वक्त महादेव की आरती की जाती है। इससे यहां दिन भर भगवान शंकर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है।
ऐसे में उचित व्यवस्था उपलब्ध होने से, खास कर रात के समय यहां लोगों की काफी भीड़ होती है जिससे यह जगह काफी जीवंत लगता हैं।

सिर्फ इतना ही नहीं, यहां शांत मन से ध्यान लगाने वालों का भी जमावड़ा लगा रहता है। शहर के कोने-कोने से लोग यहां ध्यानमग्न होने के लिए आते हैं।
पोखर की सफाई पर ध्यान देने की आवश्यकता
पोखर के आस-पास घर होने की वजह और प्राकृतिक नजारे का लुफ़्त उठाने आए लोगों के द्वारा वस्तुओं के अवशेष फेंकने से यह पोखर गंदा हो गया है जो यहां की खूबसूरती को धूमिल करता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर उसकी सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये तो यहां की सुंदरता में चार चांद लग जायेंगे।


