बिहार में स्थित है 600 साल पुराना चमत्कारी दरगाह,CM नितीश कुमार सहित हिन्दू और मुस्लिम एक साथ लगाते है हाज़िरी,देखे तस्वीरे

मगध की धरती प्रारंभ काल से ही ऋषि मुनि साधु संत और फकीरों की साधना स्थल रही है आज भी यह पूरे क्षेत्र में एक से बढ़कर एक ऐसे ऐसे स्थान हैं जहां दवा से ज्यादा दुआ का असर होता है दुआ भी ऐसी जहां रहमत का कर्म सदैव बरकरार है गया जिले के बिठो शरीफ दरगाह हिंदू मुस्लिम आस्था का केंद्र है|

गया पटना मुख्य मार्ग पर स्थित गांव बिटो शरीफ में हजरत मखदूम सैयद शाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह है इस दरगाह में हिंदू मुस्लिम सभी हाजिरी लगाने आते हैं जिन भूत प्रेत जादू टोना और लाइलाज बीमारी से प्रेरित यहां पर याद लगाते हैं|

इस जगह के बारे में यह भी कहा जाता है कि सुबह के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर विधानसभा चुनाव से पहले यहां चादर पोशी करते हैं या नहीं आते हैं तो उनके नाम से समर्थक चादर चढ़ाते हैं आपको बता दें कि हजरत मखदूम सैयद शाह अशरफ रहमतुल्लाह का मजार 600 साल पुराना है|

इश्क दरगाह की ख्याति बहुत दूर तक लोगों की आस्था है कि लाइलाज बीमारी के इलाज बाबा के दरगाह पर हाजिरी देते हैं कुछ दिनों में वह पूरी तरीके से स्वस्थ हो जाते हैं इस दरगाह पर हिंदू मुस्लिम एक समान इबादत करते दिखते हैं यह दरगाह 600 साल से भी अधिक पुरानी है |
जिनके नाम पर दरगाह है इन्होंने तीन बार पैदल हज किया था उनकी दुआओं से यहां के राजा के इकलौते पागल बेटी पूरी तरीके से ठीक हो गई थी राजा भी खूब खुश हो गए थे डिटो शरीफ के नाम पहले कुछ और था इस दरगाह शरीफ में बाबा के मजार सहित उनके परिजन का मजार भी है|

देश-विदेश के कोने-कोने से भूत शैतानी शक्तियों से प्रेरित और पागलपन के शिकार लोग एक बार यहां जरूर आते हैं बाबा के अदालत का समय शाम 5:00 बजे शुरू होता है मजार शरीफ प्रवेश करते हैं पीड़ित की आवाज कानों में सुनाई पड़ती है तो पीड़ित बाबा के मजार के सामने हाजिर लगाते हैं|

बाबा से गुहार लगाते हैं कि मेरे ऊपर जो शैतानी शक्ति आ गई है उसे मेरे शरीर से निकाले वहां पर कई दिन रहकर मगर में अपनी उपस्थिति देते हैं|

