देश में पहली बार बिहार के इस पुल पर एक साथ चली 5 ट्रेनें, भारतीय रेलवे ने बनाया अनोखा रिकॉर्ड
देश में पहली बार रेल ब्रिज पर एक साथ पांच ट्रेनें चलीं। बिहार के सोन नदी पर रोहतास और औरंगाबाद के बीच रेल पटरी पर दौड़ती ट्रेनों का वीडियो सामने आया है।
रेलवे के सबसे लंबे ब्रिजों में शामिल इस फ्रेट कॉरिडोर पुल पर दोनों तरफ से एक साथ 3-3 अर्थात कुल 6 ट्रेनों के परिचालन की क्षमता है। इसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड(DFCCIL) ने बनाया है।
दरअसल, पंजाब से लेकर यूपी, हरियाणा, बिहार से होते हुए झारखंड तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट(DFC) के पहले चरण में 1,504 किलोमीटर वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर(WDFC) और 1,856 किलोमीटर ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर(EDFC) का निर्माण किया जा रहा है।
सोन नदी पर काम पूरा होने के बाद पांच ट्रेनों को एक साथ चलाया गया
EDFC सोननगर से दनकुनी के बीच बनाया गया है। इसी क्रम में डेहरी-ऑन-सोन के पास सोन नदी पर काम पूरा होने के बाद पांच ट्रेनों को एक साथ चलाया गया।
जिसका रेलवे ने एरियल वीडियो भी बनाया था। DFCCIL के आधिकारिक ट्विटर हैन्डल से इस वीडियो को शेयर किया गया।
रोमांचक दृश्य को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने ट्वीट किया और लिखा, ‘डबल इंजन की सरकार, देखिए बिहार की प्रगति का रफ्तार!
डेहरी-ऑन-सोन के पास सोन नदी पर बने पुल के ऊपर एकसाथ चलती पांच माल गाड़ियों का विहंगम दृश्य देखिए। बुलंद भारत का बनता बुलंद बिहार।’ इस फ्रेट कॉरिडोर पुल पर एक तरफ से तीन लॉग हॉल ट्रेन के परिचालन की क्षमता है।’
इस साल पूरी क्षमता से चलेगी ट्रेनें
EDFC की शुरुआत साहनेवाल से होगी। यह समर्पित गलियारा पंजाब, यूपी, हरियाणा, बिहार और झारखंड से होकर गुजरेगा।
Check out the #drone view of the harmonious movement of Five #freight trains, two on the #EDFC alignment and three on IR @ECRlyHJP across the #Sone river in #Bihar. @RailMinIndia @PIB_India @DDNewslive @mygovindia @PIB_Patna pic.twitter.com/j2gCZIu8Th
— DFCCIL (@dfccil_india) June 17, 2022
यह कॉरिडोर पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होगा। इसी के अंतर्गत सोन ब्रिज पर भी फ्रेट कॉरिडोर बना है, जिस पर ट्रेनों का परिचालन अब शुरू हो गया है।
क्या होता है फ्रेट कॉरिडोर?
यह उच्च गति और उच्च क्षमता वाला विश्व स्तरीय तकनीक के अनुसार बनाया गया एक रेल मार्ग होता है, जिसे विशेष तौर पर माल एवं वस्तुओं के परिवहन के लिए बनाया जाता है।
इस परियोजना का अधिकांश हिस्सा विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित है। EDFC मौजूदा कानपुर-दिल्ली लाइन पर भीड़ को कम करेगा और साथ ही यह मालगाड़ियों की गति को 25 किमी. प्रति घंटा से 75 किमी. प्रति घंटा कर देगा।