भोलेनाथ की इस नगरी में फैला है खूबसूरती का खजाना, एक बार की यात्रा ही आपको कर देगी मंत्रमुग्ध
Ukhimath Uttarakhand Travel Places: उत्तराखंड को भगवान भोलेनाथ की भूमि देव भूमि के नाम से जाना जाता है। कई तीर्थ का गढ़ होने की वजह से उत्तराखंड में आपको एक अद्भुत शांति का एहसास होता है। यहां खूबसूरत पहाड़ों के साथ-साथ कुछ ऐसे आध्यात्मिक खूबसूरती हुई देखने को मिलती है। उत्तराखंड का केदारनाथ धाम तो पूरी दुनिया में अपनी मान्यताओं के लिए जाना ही जाता है ।
चार धाम यात्रा के दौरान 6 महीने भगवान भोलेनाथ की पूजा केदारनाथ में की जाती है। वर्ष के बाकी 6 महीने केदारनाथ बाबा की पूजा उत्तराखंड के खूबसूरत हिल स्टेशन को उखीमठ में होती है।
आज के आर्टिकल में हम आपको उखीमठ की यात्रा के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जहां की खूबसूरती और अद्भूत आध्यात्मिक अनुभूति को अलग ही एहसास कराती हैं।
ढूंढ रहे हैं सुकून और शांति के कुछ पल, तो उखीमठ कर रहा है आपका इंतजार
देवरिया ताल
उखीमठ की यात्रा के दौरान देवरिया ताल जैसे खूबसूरत जगह की यात्रा जरूर करनी चाहिए। आपको बता दे प्राचीन मान्यता वाला यह ताल बेहद ही खूबसूरत है। जहां से आप बर्फ से ढके हुए पहाड़ों का लुत्फ़ उठा सकते हैं। इसके अलावा यहां आपको हसीन नजारों के साथ-साथ शुद्ध और ताजी हवा में अपने परिवार या दोस्तों के साथ एक यादगार ट्रिप इंजॉय करने का मौका मिलता है।

एडवेंचर्स के शौकीन लोगों के लिए देवरिया ताल एक परफेक्ट लोकेशन है यहां के खूबसूरत पहाड़ों में आप ट्रेकिंग के साथ-साथ कैंपेनिंग भी एंजॉय कर सकते हैं। सर्दियों के मौसम में बर्फबारी के समय इस जगह की खूबसूरती देखते ही बनती है।
ओंकारेश्वर मंदिर
उखीमठ यात्रा के दौरान ओंकारेश्वर मंदिर यहाँ का सबसे अधिक दर्शनीय स्थल मन जाता है। उत्तराखंड के बाबा केदारनाथ की डोली गर्मियों में केदारनाथ धाम में विराजित रहती है। उसके बाद सर्दियों के 6 माहों में बाबा केदारनाथ की डोली को पूरे विधि विधान से ओंकारेश्वर मंदिर में विराजित किया जाता है। जहां भक्तगण साल के बाकी के 6 महीने ओंकारेश्वर मंदिर में भोले बाबा के दर्शन कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, ओंकारेश्वर मंदिर के दरवाजे सभी भक्तों के लिए हमेशा खुले रहते हैं, जिससे उन्हें केदारनाथ धाम और मध्यमहेश्वर धाम बंद होने पर भी पूजा करने का स्थान मिलता है।
तुंगनाथ मंदिर
उखीमठ से लगभग 28 किमी दूर स्थित तुंगनाथ मंदिर न केवल एक पवित्र स्थान है बल्कि एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। 3,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित यह प्राचीन मंदिर लगभग एक हजार साल पुराना माना जाता है।

यह मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, एक पहाड़ के ऊपर स्थित है, जो दर्शन के लिए यहां आने वाले कई पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसके अतिरिक्त, आपको मंदिर परिसर से हिमालय की आश्चर्यजनक घाटियों की प्रशंसा करने का अवसर मिलता है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में मई से जुलाई तक मौसम उल्लेखनीय रूप से सुखद रहता है।
सारी विलेज
उखीमठ से लगभग 12 किमी दूर स्थित सारी गांव एक प्रकृति की खूबसूरती से लबरेज़ बेहद ही मनमोहक स्थल है। बर्फीली पहाड़ियों से घिरा यह गाँव एक लोकप्रिय पर्यटक के रूप में लोकप्रिय हो रहा है
जिस समय पूरे भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप रहता है उसे समय इस खूबसूरत गांव का मौसम सुहावना बना रहता है। यहां की ताजी हवाओं का आनंद लेते हुए इस खूबसूरत गांव की यात्रा आपके जीवन की खूबसूरत यात्राओं में से एक बन जाती है। सारी गाँव की की सुंदरता के अलावा आप यहां से कुछ ही दूरी पर स्थित ऑर्गेनिक हिमालय गांव में सुनकर भी अपनी यात्रा पर और भी खूबसूरत बना सकते हैं।
कैसे पहुंचे उखीमठ ?
ऊखीमठ तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो उखीमठ से लगभग 200 किमी दूर है। आपकी सुविधा के लिए हवाई अड्डे के बाहर टैक्सी, बस या कैब जैसे विभिन्न परिवहन विकल्प आसानी से उपलब्ध हैं।
उखीमठ का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन और उखीमठ के बीच की दूरी लगभग 174 किमी है। ऋषिकेश से उखीमठ तक बस लेना संभव है।
यहां भी घूमे
तुंगनाथ मंदिर और साड़ी गांव के अलावा, उखीमठ के आसपास घूमने के लिए अन्य सुंदर जगहें भी हैं। आप चोपता हिल स्टेशन के ताज़ा वातावरण का भी आनंद ले सकते हैं, जो उखीमठ से लगभग 48 किमी दूर है।

