दोस्तों केले को तो सभी जानते ही है। हर किसी ने केले का सेवन किया है। केला प्रत्येक व्यक्ति का पसंदीदा फल होता है। आपने बाजार में मिलने वाला केला सामान्यतः अंदर से सफेद होता है। उसे तो देखा और खाया ही होंगा, परंतु आपको यदि बताया जाए कि लाल रंग का भी केला होता है तो क्या आपको यकीन होगा? जी हां दोस्तो आइए विस्तार से जानते है इस खास केले के बारे में।
हम बात कर रहे है बिहार के हाजीपुर के केले की जो केवल अपने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी वैशाली के हाजीपुर का केला काफी मशहूर है।
केले खाने के शौकीनों के साथ ही किसानो के लिए एक बहुत खास खबर है कि वैशाली के गौरौल स्थित केला अनुसंधान केंद्र में एक खास नस्ल के केले की नर्सरी तैयार की गई है।
फिलहाल ट्रायल के रूप में किसानों को तीन-चार पौधे देकर यह नए किस्म के केले की खेती की शुरुआत कराई जा रही है।
लाल रंग का है यह केला
इस केले की खासियत की बात की जाए तो बाहर से यह केला भी सामान्य केले की तरह ही दिखाई देता है, लेकिन पकने के बाद यह सामान्य केले की तरह सफेद नहीं बल्कि लाल होता है।
इस केले का सबसे खास गुण यह है कि इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। इसे खाने से मोटापा बढ़ने की समस्या कम हो जाती है। साथ ही इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर होता है।
200 रुपये दर्जन के भाव से मिलता है यह खास लाल केला
केला अनुसंधान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार इस लाल केले का एक पौधा मात्र 30 रूपये में दिया जाता है। उत्पादन होने पर इस केले की बाजार में कीमत 150 से 200 रूपये प्रति दर्जन मिलेगी। जबकि, हाजीपुर में होने वाले अल्पान, बतिशा और मुठिया केला की कीमत 20 से 50 रुपए दर्जन तक होती है।
ऐसे में केला अनुसंधान केन्द्र के अधिकारियों का मानना है कि वैशाली के किसानों को लाल केले की खेती से अधिक फायदा मिल सकता है। बताया जा रहा है कि केला अनुसंधान केंद्र में पहली बार लाल केले कि खास किस्म मंगवाई गई है।
जिसकी बिक्री भी केला अनुसंधान केंद्र के द्वारा की जा रही है। पर्याप्त मात्रा में पौधे उपलब्ध नहीं होने के कारण अभी किसानों को केवल तीन से चार पौधे ही दिए जा रहे है।
किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी यह लाल केले की खेती
केला अनुसंधान केंद्र के अधिकारियों का कहना है कि यह लाल केले की खेती भविष्य में किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगी। कम लागत से तैयार इस फसल से किसानों को अधिक दाम मिलेगा। इस बात से वैशाली के किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
आपको बता दें कि केला उत्पादन के लिए वैशाली का हाजीपुर देश-दुनिया में बहुत मशहूर है। उसी प्रकार अब लाल केले का उत्पादन बाज़ार में अपनी एक नई पहचान बनाने के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने का स्त्रोत है।
पूजा में होता है केले का विशेष महत्व
केले का पूजा में भी विशेष महत्व है। भगवान को भोग के रूप में केले चढ़ाए जाते है। कहते है कि नारियल और केले का पेड़ किसी के खाए हुए जूठे बीज से नही उगता है।
नारियल का पेड़ पूरे साबुत नारियल को लगाने से उगता है, वैसे ही केले का पेड़ उसकी जड़ में पाए जाने वाले कंदे से उगता है। इसलिए इन दो फलों को सबसे पवित्र मान कर भगवान पूजा में उपयोग किया जाता है।
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