बिहार में AI के मदद से रुकेगी बिजली चोरी, डिस्कॉम कंपनी ने किया बड़ा ऐलान; जाने क्या है पूरा प्लान
Bihar Electricity Department-बिहार में बिजली चोरी आज के समय में सबसे गंभीर समस्या का विषय है और इसे रोकने के लिए सरकार के ओर से अथक प्रयास की जा रही है।इसी क्रम में सरकार ने टेक्नोलॉजी के दुनिया में कदम रखते हुए एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। जिसके मदद से पूरे राज्य भर में बिजली चोरी रुक जाएगी।
आप भी सुन कर चौक गए होंगे आखिर ऐसी कौन सी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने जा रही हैं सरकार? आपको बता दें कि हाल फिलहाल में चर्चा में आई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए बिहार सरकार बिजली चोरी रोकने कि बना रही है योजना।

राज्य में रुक जाएगी बिजली चोरी
बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और बीएसपीएचसीएल के अध्यक्षता प्रबंधक निर्देशक संजीव हंस ने जानकारी देते हुए बताया सभी पोर्टल के माध्यम से एनर्जी एकाउंटिंग किया जा रहा है।जिसकी मदद से डिस्कॉम कंपनी 100% ऑटोमेटिक मोड पर जल्द हो जाएगी।
बिहार राज्य में 1 अगस्त से Raid & FIR मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल की शुरूआत होने जा रही है।जिसके मदद से एफआईआर ऑनलाइन दर्ज किए जाएंगे। इसके साथ ही साथ एफआईआर में मिले रकम का भी ब्यौरा आसानी से उच्च अधिकारियों को आसानी से मिल जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
मीडिया को जानकारी देते हुए राजीव हंस ने बताया बिजली उपभोक्ता के डाटा का एक विशेष अंतराल पर विशेषण किया जाएगा।जिससे कि बिजली एकाउंटिंग में काफी मदद मिलेगी। बिजली की चोरी आज पूरे सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है,इसे रोकने हम सभी अधिकारियों की सबसे बड़ी जिम्मेवारी है।
बिजली विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों को अपना 100% अपने काम में देना होगा तभी बिजली चोरी रुक पाएगी। इस क्रम में जिस भी अधिकारी के काम में थोड़ा भी लापरवाही होगी उन्हें दंडित भी किया जाएगा।

AI के मदद से रुक जाएगा बिजली चोरी
सीडीएम ने जानकारी देते हुए बताया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके बिजली चोरी रोकने का निर्णय लिया गया है। इसके इस्तेमाल में आने से एनर्जी एकाउंटिंग प्रणाली मजबूत और जवाबदेही बनेगी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि सभी फिटर और ट्रांसफार्मर के एकाउंटिंग का काम पूरे इलाके में तेजी से चल रहे हैं।इसके पूरे होते ही बिजली चोरों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
एकाउंटिंग के काम पूरा होते ही सभी डाटा फ्रेश रिकॉर्ड होंगे और जहां पर लोड अधिक पड़ेगा वहां आसानी से बिजली विभाग के लोगों को पता चल जाएगा कि यहां पर अनुमान से अधिक बिजली खर्च हो रही है।

